हिमाचल के ऊना और हमीरपुर में लगभग 37,000 किसान कर रहे हैं प्राकृतिक खेती
राजेश राजेश अजय
- 06 Aug 2025, 05:24 PM
- Updated: 05:24 PM
हमीरपुर/ऊना (हिमाचल प्रदेश), छह अगस्त (भाषा) राज्य सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए दी गई सब्सिडी और सुनिश्चित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) जैसे प्रोत्साहनों के साथ, ऊना और हमीरपुर जिलों में लगभग 37,000 किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया है।
अधिकारियों ने बताया कि हमीरपुर जिले में 20,000 से ज़्यादा और ऊना में 16,853 किसानों ने प्राकृतिक खेती की ओर रुख किया है। हमीरपुर के उपायुक्त अमरजीत सिंह ने बताया कि रबी मौसम में जिले में प्राकृतिक खेती से तैयार लगभग 96 क्विंटल गेहूं और नौ क्विंटल हल्दी खरीदी गई है, जबकि पिछले खरीफ मौसम में 53 क्विंटल मक्का खरीदा गया था।
आत्मा परियोजना, हमीरपुर के परियोजना निदेशक नितिन शर्मा ने बताया कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को देसी गायों की खरीद पर 25,000 रुपये की सब्सिडी दी जाती है।
इसके अलावा, परियोजना के तहत 5,000 रुपये की परिवहन सब्सिडी और 2,000 रुपये तक का पशु बाज़ार शुल्क भी प्रदान किया जाता है।
गौशाला के फर्श को पक्का करने और गोमूत्र संग्रहण प्रणाली स्थापित करने के लिए 8,000 रुपये की सब्सिडी दी जाती है। इसके अतिरिक्त, प्राकृतिक खेती के लिए आवश्यक सामग्री, जैसे ड्रम और अन्य उपकरण तैयार करने के लिए 2,250 रुपये तक की सब्सिडी उपलब्ध है।
ग्राम पंचायत अमलाहड़ की शकुंतला देवी और सुषमा देवी, जिन्होंने प्राकृतिक खेती को अपनाया है, को नई उम्मीद मिली है। शर्मा ने बताया कि इससे न केवल उनकी खेती की लागत में उल्लेखनीय कमी आई है, बल्कि उनकी फसलों को बेहतर दाम भी मिल रहे हैं और उनका भोजन अब हानिकारक रसायनों से मुक्त है।
एटीएमए परियोजना निदेशक वीरेंद्र बग्गा का दावा है कि ऊना जिले में किसानों द्वारा 41.66 टन प्राकृतिक गेहूं और 11.15 टन प्राकृतिक मक्का खरीदा गया।
उपायुक्त जतिन लाल ने किसानों से इस पद्धति के पर्यावरणीय, स्वास्थ्य और आर्थिक लाभों का हवाला देते हुए इसे अपनाने का आग्रह किया है।
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