महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव मतपत्रों से करायें या फिर वीवीपैट का इस्तेमाल करें : कांग्रेस नेता
रंजन नरेश
- 06 Aug 2025, 06:38 PM
- Updated: 06:38 PM
मुंबई, छह अगस्त (भाषा) महाराष्ट्र में विपक्षी कांग्रेस ने बुधवार को मांग की कि मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश में आगामी स्थानीय निकाय चुनाव वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल करके कराए जाएं।
कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि अगर वीवीपैट (वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) मशीनों का इस्तेमाल संभव नहीं है, तो ग्रामीण एवं शहरी नगर निकायों के चुनाव मतपत्रों से कराए जाने चाहिए।
वह राज्य चुनाव आयुक्त (एसईसी) दिनेश वाघमारे की मंगलवार की उस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि स्थानीय निकाय चुनावों में वीवीपैट का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा क्योंकि इसमें कई तरह की तकनीकी चुनौतियां शामिल हैं, जिनमें प्रत्येक वार्ड में उम्मीदवारों की बड़ी संख्या और मतदाताओं द्वारा एक बार में चार वोट डालने की आवश्यकता शामिल है।
आयुक्त ने दलील दी थी कि तकनीकी और मानव संसाधन संबंधी चुनौतियों का समाधान किए बिना वीवीपैट (प्रिंटर पोर्ट के माध्यम से ईवीएम से जुड़ी) के इस्तेमाल से मतदान केंद्रों पर लंबी कतारें और भीड़ लग सकती है।
वडेट्टीवार ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में राज्य चुनाव आयुक्त के तर्कों का खंडन करते हुए ज़ोर दिया कि मतदाताओं को अपने मतों का सत्यापन करने में सक्षम होना चाहिए, और केवल वीवीपैट सक्षम ईवीएम ही उच्च स्तर की पारदर्शिता सुनिश्चित कर सकती हैं।
कांग्रेस विधायक ने ज़ोर देकर कहा, ‘‘अगर वीवीपैट उपलब्ध नहीं हैं, तो मतपत्रों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। चुनाव प्रक्रिया की शुचिता से समझौता नहीं किया जाना चाहिए।"
वीवीपैट एक प्रिंटर पोर्ट के माध्यम से ईवीएम से जुड़े होते हैं, जो वोट डेटा को एक पेपर स्लिप में रिकॉर्ड करता है, जिससे यह पता लगता है कि ईवीएम ने मतदाता के मतदान की सही रिकॉर्डिंग की है।
वाघमारे ने कहा है कि स्थानीय निकायों के बहुप्रतीक्षित चुनाव चरणों में होंगे और चुनाव प्रक्रिया दिवाली के बाद शुरू होने की उम्मीद है।
राज्य में जिला परिषदों, पंचायत समितियों, नगर परिषदों और नगर निगमों के चुनाव लंबे समय से लंबित हैं।
एक प्रश्न के उत्तर में, वडेट्टीवार ने कांग्रेस के लोकसभा सदस्य राहुल गांधी के चीनी घुसपैठ जैसे मामलों पर केंद्र सरकार से सवाल पूछने के अधिकार का बचाव किया।
उन्होंने सेना पर की गई टिप्पणी को लेकर लोकसभा में विपक्ष के नेता के खिलाफ उच्चतम न्यायालय द्वारा की गई आलोचनात्मक टिप्पणियों से असहमति जतायी।
कांग्रेस नेता ने तर्क दिया कि न्यायाधीशों की ऐसी टिप्पणियों से न्यायपालिका में जनता का विश्वास कम हो सकता है।
उन्होंने कहा, "न्यायाधीशों को देशभक्ति का प्रमाण पत्र जारी नहीं करना चाहिए। लोकतंत्र में सरकार से सवाल पूछना विपक्ष का कर्तव्य है।"
कांग्रेस नेता ने भाजपा के पूर्व प्रवक्ता को बम्बई उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त करने की कॉलेजियम की सिफारिश पर चिंता व्यक्त की और कहा कि इस तरह के घटनाक्रम से न्यायपालिका की निष्पक्ष छवि को नुकसान पहुंच सकता है।
भाषा रंजन