कॉन्टिनेंटल टूर प्रतियोगिता में पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा होगी आकर्षण का केंद्र
नमिता मोना
- 06 Aug 2025, 08:28 PM
- Updated: 08:28 PM
नयी दिल्ली, छह अगस्त (भाषा) देश में पहली बार 10 अगस्त को भुवनेश्वर में आयोजित होने वाली विश्व एथलेटिक्स कॉन्टिनेंटल टूर कांस्य स्तर की प्रतियोगिता में पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा आकर्षण का केंद्र होगी।
प्रतियोगिता की पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में दो भारतीयों और इतने ही श्रीलंकाई खिलाड़ियों के भाग लेने की उम्मीद है।
दो बार के ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा इसमें भाग नहीं ले रहे हैं लेकिन सचिन यादव और यशवीर सिंह भारत की चुनौती का नेतृत्व करेंगे जबकि श्रीलंकाई सुमेदा रणसिंघे और रुमेश थरंगा पथिरगे अपनी दावेदारी पेश करेंगे।
इस एक दिवसीय प्रतियोगिता की कुल पुरस्कार राशि 25,000 अमेरिकी डॉलर है।
रणसिंघे ने सितंबर में होने वाली विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में सीधे प्रवेश हासिल कर लिया है जबकि पथिरगे, यादव और सिंह के विश्व रैंकिंग कोटा के जरिए इस प्रतियोगिता में जगह बनाने की संभावना है।
भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) के अध्यक्ष बहादुर सिंह सागू ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘यह देश का पहला कॉन्टिनेंटल टूर टूर्नामेंट है। हम एक सफल प्रतियोगिता की उम्मीद कर रहे हैं ताकि दुनिया को पता चले कि हम इस तरह के टूर्नामेंट की मेजबानी कर सकते हैं। ’’
कलिंगा स्टेडियम में आयोजित होने वाली इस प्रतियोगिता में 19 स्पर्धाओं में 17 देशों के 160 एथलीट भाग लेंगे। इन 160 एथलीटों में से 97 भारत से हैं जबकि बचे 63 विदेश के हैं।
यह एक आमंत्रण प्रतियोगिता है इसलिए भारतीय प्रतिभागी व्यक्तिगत स्पर्धाओं में अपने विभागों, नियोक्ताओं, निजी संस्थाओं या अपने राज्यों का प्रतिनिधित्व करेंगे जैसे एनसीओई बेंगलोर, एनसीओई तिरुवनंतपुरम, सेना, वायु सेना, रिलायंस, जेएसडब्ल्यू आदि।
एएफआई अधिकारियों ने बताया कि अगर कोई भारतीय एथलीट राष्ट्रीय या महाद्वीपीय रिकॉर्ड बनाता है तो वह रिकॉर्ड बुक में दर्ज हो जाएगा भले ही वह किसी विभाग या निजी संस्था का प्रतिनिधित्व कर रहा हो।
लेकिन रिले स्पर्धा में केवल राष्ट्रीय टीमें ही प्रतिस्पर्धा करेंगी। प्रतियोगिता का आयोजन ओडिशा सरकार और एएफआई द्वारा किया जा रहा है।
पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा के अलावा पुरुषों और महिलाओं की 400 मीटर और महिलाओं की लंबी कूद में कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल सकती है।
भाषा नमिता