लोकसभा में मणिपुर वस्तु और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, मणिपुर विनियोग विधेयक पारित
सुभाष वैभव
- 07 Aug 2025, 06:33 PM
- Updated: 06:33 PM
नयी दिल्ली, सात अगस्त (भाषा) बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के मुद्दे पर लोकसभा में बृहस्पतिवार को विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के बीच मणिपुर वस्तु और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025 और मणिपुर विनियोग विधेयक, 2025 को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उन पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘मणिपुर के लिए घड़ियाली आंसू बहाने वाले विपक्षी दल मणिपुर के हित में जो पैसा जा रहा है, उसके खिलाफ बोल रहे हैं।’’
सीतारमण ने कहा कि विपक्ष हमेशा मणिपुर के बारे में बातें करता है लेकिन वे मणिपुर को धनराशि नहीं जाने दे रहे हैं और (मणिपुर के) बजट के खिलाफ बोल रहे हैं।
जीएसटी परिषद द्वारा अनुमोदित निर्णयों को लागू करने के लिए पारित किया गया मणिपुर वस्तु और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025 इस संबंध में लागू किए गए मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) अध्यादेश, 2025 का स्थान लेगा।
विधेयक को चर्चा और पारित करने के लिए पेश करते हुए, सीतारमण ने कहा कि संशोधन एक संवैधानिक आवश्यकता है जिस पर अभी विचार किया जाना चाहिए।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘अगर यह अभी पारित नहीं होता है, तो राज्य को उन संशोधनों को लागू करने में कठिनाई होगी, जिन्हें परिषद द्वारा लंबे समय से अनुमोदित किया गया है। उनका राजस्व प्रभावित होगा क्योंकि उनके पास कुछ वस्तुओं पर (कर) लगाने का अधिकार नहीं होगा।’’
अन्य संशोधनों के अलावा, यह विधेयक मणिपुर जीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 9 में बदलाव करने का प्रस्ताव करता है, जिससे राज्य को ‘‘मानव उपभोग के लिए शराब के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले अल्कोहल या संशोधित स्पिरिट पर राज्य कर लगाने’’ की अनुमति मिल जाएगी।
एसआईआर के मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के बीच, सदन में मणिपुर विनियोग विधेयक, 2025 भी ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
यह विधेयक वित्तीय वर्ष 2025-26 की सेवाओं के लिए मणिपुर राज्य की संचित निधि से कुछ राशियों के भुगतान और विनियोग को अधिकृत करता है। यह राज्य को चालू वित्त वर्ष के दौरान व्यय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 30,969 करोड़ रुपये खर्च करने के लिए अधिकृत करता है।
मणिपुर वर्तमान में राष्ट्रपति शासन के अधीन है, जो 13 फरवरी 2025 को लागू किया गया था। इस सप्ताह की शुरुआत में, संसद ने राज्य में राष्ट्रपति शासन को 13 अगस्त के बाद छह महीने बढ़ाने के लिए एक सांविधिक संकल्प को मंजूरी दी थी।
सदन में शोरगुल के बीच, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मणिपुर विनियोग (संख्या 2) विधेयक, 2025 भी पेश किया।
विधेयक मणिपुर की समेकित निधि से राज्य की समेकित निधि पर भारित व्यय और वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए मणिपुर सरकार के अनुमानित व्यय के संबंध में लोक सभा द्वारा दिए गए अनुदानों को पूरा करने के लिए आवश्यक धनराशि के विनियोग का प्रावधान करता है।
मणिपुर बजट में 2,898 करोड़ रुपये का अतिरिक्त केंद्रीय आवंटन शामिल है, जिसमें 1,667 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लिए और 1,231 करोड़ रुपये राजस्व व्यय के लिए निर्धारित हैं।
सीतारमण ने कहा कि आंतरिक रूप से विस्थापित होने के कारण शिविरों में रह रहे लोगों के पुनर्वास के लिए सरकार 523 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध करा रही है।
सदन में विपक्षी दलों के सदस्यों का हंगामा नहीं थमने के कारण विधेयक बिना किसी चर्चा के ध्वनिमत से पारित कर दिए गए।
वित्त मंत्री ने कार्यवाही बाधित करने के लिए विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि वे मणिपुर की बात तो करते हैं, लेकिन वे नहीं चाहते कि पैसा उस राज्य को मिले, जो राष्ट्रपति शासन के अधीन है।
हंगामा नहीं थमने पर पीठासीन सभापति जगदंबिका पाल ने सदन की कार्यवाही दोपहर करीब दो बजकर 25 मिनट पर दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
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