लवलीना ने बीएफआई अधिकारी पर अपमानजनक व्यवहार का आरोप लगाया
सुधीर
- 07 Aug 2025, 03:38 PM
- Updated: 03:38 PM
नयी दिल्ली, सात अगस्त (भाषा) तोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन द्वारा राष्ट्रीय महासंघ के कार्यकारी निदेशक कर्नल अरुण मलिक के खिलाफ लगाए गए ‘अपमानजनक और लैंगिक भेदभावपूर्ण व्यवहार’ के आरोपों की जांच की जा रही है और जल्द ही एक रिपोर्ट सौंपी जाएगी। भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
खेल मंत्री मनसुख मांडविया, साइ के महानिदेशक, टॉप्स (टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना) विभाग, भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) और भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) को संबोधित एक औपचारिक शिकायत में लवलीना ने आरोप लगाया कि मलिक ने आठ जुलाई को एक जूम मीटिंग के दौरान उनका अपमान किया और उनकी उपलब्धियों को कमतर आंका। बैठक में साइ और टॉप्स के अधिकारी भी शामिल थे।
लवलीना ने इस दौरान अनुरोध किया कि उनके निजी कोच को राष्ट्रीय शिविर में आने की अनुमति दी जाए जो बीएफआई की नीति के विरुद्ध है। निजी कोच भी ऑनलाइन बैठक में मौजूद थे। वह यह भी चाहती थीं कि कोच को उनके साथ यूरोप में ट्रेनिंग के लिए जाने की अनुमति भी दी जाए।
लवलीना के अनुसार मलिक ने आक्रामक तरीके से जवाब दिया और उनसे अपमानजनक तरीके से बात की।
इस मुक्केबाज ने कहा, ‘‘उन्होंने मुझे साफ तौर पर कहा, ‘चुप रहो, अपना सिर नीचे करो और जैसा हम कहते हैं वैसा करो।’ उनके शब्द ना केवल अपमानजनक थे बल्कि लैंगिक भेदभाव और सत्तावादी प्रभुत्व का एक खतरनाक लहजा भी थे - ऐसा कुछ किसी के भी साथ नहीं होना चाहिए विशेषकर देश का सम्मान बढ़ाने वाली महिला के साथ।’’
लवलीना ने कहा, ‘‘मुझे छोटा, अनसुना और शक्तिहीन महसूस कराया गया। यह सिर्फ एक व्यक्तिगत अपमान नहीं था - यह हर उस महिला खिलाड़ी पर हमला था जो रिंग के अंदर और बाहर दोनों जगह ऊंचा उठने का सपना देखती है।’’
उन्होंने ‘निष्पक्ष और त्वरित जांच’ और यदि ये कार्य स्वीकार्य आचरण के उल्लंघन में पाए जाते हैं तो आवश्यक अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की।
हालांकि मलिक ने आरोपों को सिरे से खारिज किया और ‘बिना किसी आधार के’ बताया।
मलिक ने कहा, ‘‘लवलीना के अनुरोधों पर विचार किया गया और उन्हें सम्मानपूर्वक अस्वीकार कर दिया गया क्योंकि वे भारतीय मुक्केबाजी महासंघ की नीतियों के अनुरूप नहीं थे।’’
उन्होंने अपने जवाब में कहा, ‘‘जनवरी 2025 में प्रकाशित बीएफआई की चयन नीति के अनुसार अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए मूल्यांकन और चयन हेतु सभी खिलाड़ियों के लिए राष्ट्रीय कोचिंग शिविर में भाग लेना अनिवार्य है।’’
मलिक ने कहा, ‘‘निष्पक्षता और एकरूपता के हित में बीएफआई राष्ट्रीय शिविर के भीतर निजी प्रशिक्षकों या सहायक कर्मचारियों को आने की अनुमति नहीं देता है।’’
शिकायत पर ध्यान देते हुए आईओए ने एक पैनल का गठन किया जिसमें टॉप्स के सीईओ एनएस जोहल, आईओए के खिलाड़ी आयोग के उपाध्यक्ष शरत कमल और एक महिला अधिवक्ता शामिल हैं।
बैठक के दौरान लवलीना और मलिक के बीच पूरी बातचीत रिकॉर्ड की गई और जांच पैनल के एक सदस्य ने कहा कि जल्द ही एक रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
समिति को शिकायत प्राप्त होने के दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देनी थी लेकिन अपने सदस्यों की कुछ पूर्व प्रतिबद्धताओं के कारण बैठक नहीं बुला पाई है।
एक सदस्य ने कहा, ‘‘कुछ जरूरी प्रतिबद्धताओं के कारण पैनल अब तक बैठक नहीं बुला पाया है। लेकिन यह जल्द ही हो जाएगा और पूरी घटना का वीडियो उपलब्ध है इसलिए इससे निपटना बहुत जटिल मामला नहीं होगा।’’
पता चला है कि मलिक ने समिति से प्रक्रिया में तेजी लाने का अनुरोध किया है और बातचीत की वीडियो रिकॉर्डिंग का भी अनुरोध किया है।
इस बीच लवलीना ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
विश्व चैंपियन लवलीना ने कहा, ‘‘मैं अभी इस पर ध्यान केंद्रित नहीं करना चाहती क्योंकि इससे मेरे खेल पर असर पड़ेगा। जब तक समिति कोई फैसला नहीं ले लेती, मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती।’’
भाषा