डोपिंग उल्लंघन के मामलों में साल दर साल वृद्धि दर्ज की गई
मनीषा माधव
- 07 Aug 2025, 04:11 PM
- Updated: 04:11 PM
नयी दिल्ली, सात अगस्त (भाषा) सरकार ने बृहस्पतिवार को बताया कि डोप टेस्ट में प्रतिबंधित दवाओं के सेवन के दोषी पाए गए खिलाड़ियों की संख्या में साल दर साल वृद्धि दर्ज की गई है।
युवा मामले और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा को बताया कि वर्ष 2021 में कोविड काल के दौरान 1899 डोप टेस्ट किए गए जिनमें 42 खिलाड़ी प्रतिबंधित दवाओं के सेवन के दोषी पाए गए। 2022 में 4059 डोप टेस्ट हुए और 125 खिलाड़ी प्रतिबंधित दवाओं के सेवन के दोषी पाए गए।
उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि ‘वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी’ (डब्ल्यूएडीए) के अनुसार, वर्ष 2023 में 5606 डोप टेस्ट में 213 खिलाड़ियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई और 2024 में 7466 डोप टेस्ट हुए जिनमें ऐसे खिलाड़ियों की संख्या 260 थी।
मांडविया ने कहा कि इन आंकड़ों के अनुसार, हर वर्ष डोपिंग उल्लंघन के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार देश में हाल के वर्षों में भारतीय खिलाड़ियों द्वारा प्रतिबंधित पदार्थों के उपयोग (डोपिंग उल्लंघन) की घटनाओं से अवगत है और इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
उन्होंने बताया कि नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी (एनएडीए) के कार्यप्रणाली की समय-समय पर सरकार एवं डब्ल्यूएडीए दोनों द्वारा समीक्षा की जाती है ताकि इसके संचालन अंतरराष्ट्रीय मानकों और डब्ल्यूएडीए कोड के अनुरूप बने रहें।
मांडविया ने कहा कि एनएडीए देशभर में खेल आयोजनों और प्रशिक्षण शिविरों के दौरान खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ के लिए डोपिंग जागरूकता सत्र आयोजित करती है। इन सत्रों में कठोर उत्तरदायित्व सिद्धांत, खेलों में नैतिक मूल्य, डोप नियंत्रण प्रक्रिया, स्वास्थ्य संबंधी खतरे और परिणाम, चिकित्सीय उपयोग में छूट और प्रतिबंधित पदार्थों की जानकारी जैसे विषय शामिल होते हैं।
उन्होंने बताया कि एनएडीए प्रमुख खेल आयोजनों जैसे राष्ट्रीय खेल, खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेल, खेलो इंडिया यूथ गेम्स, और नॉर्थ-ईस्ट ओलंपिक गेम्स के दौरान स्पर्धा आधारित डोपिंग शिक्षा मॉडल लागू कर रही है।
इसके अलावा, डोपिंग रोधी शपथ, मोबाइल गेम, डिजिटल क्विज़, कार्यशालाएं आदि के माध्यम से भी खिलाड़ियों को डोपिंग के खिलाफ शिक्षित और जागरूक किया जा रहा है।
मंत्री ने बताया कि एनएडीए विभिन्न राष्ट्रीय खेल महासंघों के साथ विचार-विमर्श कार्यशालाएं भी आयोजित करती है ताकि उनको डोपिंग के खतरों के प्रति संवेदनशील बनाया जा सके और स्वच्छ खेल का संदेश आगे बढ़ाया जा सके।
भाषा मनीषा