दिल्ली की पूर्ववर्ती आप सरकार ने निर्माण कर्मियों के कल्याण की अनदेखी की : मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता
धीरज सुरेश
- 08 Aug 2025, 08:38 PM
- Updated: 08:38 PM
नयी दिल्ली, आठ अगस्त (भाषा) दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को कैग की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में काम करने वाले निर्माण श्रमिकों के कल्याण की ‘अनदेखी’ की।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में मांग की कि ‘भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिकों के कल्याण’ पर भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट सदन की लोक लेखा समिति (पीएसी) को जांच एवं आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजा जाए।
विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने निर्माण श्रमिकों पर रिपोर्ट के साथ-साथ दिल्ली सरकार के वित्त खातों और 2023-24 के लिए विनियोग खातों पर दो अन्य कैग रिपोर्ट पीएसी को भेज दिया। उक्त रिपोर्ट को मुख्यमंत्री ने चार अगस्त को सदन में प्रस्तुत किया था।
रेखा गुप्ता ने आरोप लगाया कि अदालत के आदेशों के बावजूद दिल्ली की पूर्ववर्ती (अरविंद) केजरीवाल सरकार ने निर्माण श्रमिकों के लिए वित्तीय सहायता जारी नहीं की।
उन्होंने यह भी कहा कि पिछली ‘आप’ सरकार विभिन्न योजनाओं के तहत श्रमिकों को लाभान्वित करने में विफल रही, जैसे उन्हें औजार खरीदने के लिए ऋण, गृह ऋण और गर्भवती महिलाओं को गर्भपात की स्थिति में सहायता प्रदान करना।
कैग की यह रिपोर्ट 2019 से 2023 तक की चार साल की अवधि के लिए है। इसमें निर्माण श्रमिकों के पंजीकरण में अनियमितताओं को उजागर किया गया है और राज्य सरकार के पास 3,500 करोड़ रुपये से अधिक का पर्याप्त कोष होने के बावजूद उनके कल्याण पर कम खर्च का संकेत दिया गया है।
मुख्यमंत्री के संबोधन से पहले आप विधायक वीरेंद्र कादियान ने सदन में कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) केवल उन्हीं हिस्सों का हवाला दे रही है, जिनमें दिल्ली की पिछली सरकार की आलोचना की गई है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में कोविड महामारी से प्रभावित चार साल की अवधि को शामिल किया गया है, जब प्रवासी मजदूर अपने गृह राज्यों को चले गए थे।
कादियान ने कहा कि पूर्ववर्ती केजरीवाल सरकार ने महामारी के दौरान प्रत्येक श्रमिक को 5,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की थी।
भाजपा विधायक पूनम शर्मा और नीलम पहलवान ने पिछली आप सरकार की आलोचना करते हुए उस पर निर्माण श्रमिकों के कल्याण की उपेक्षा करने का आरोप लगाया।
भाषा धीरज