उच्च न्यायालय ने मोहल्ला क्लीनिक कर्मचारियों को नौकरी से हटाने से पहले दो महीने का नोटिस देने को कहा
आशीष दिलीप
- 09 Aug 2025, 06:18 PM
- Updated: 06:18 PM
नयी दिल्ली, नौ अगस्त (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार से कहा है कि यदि वह अगले साल 31 मार्च से पहले आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक (एएएमसी) के कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने का प्रस्ताव रखती है, तो वह उनके कर्मचारियों को दो महीने पहले नोटिस दे।
उच्च न्यायालय का यह आदेश एएएमसी कर्मचारियों की याचिका पर आया, जिन्हें पिछली आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा अनुबंध के आधार पर नियुक्त किया गया था। याचिका में कर्मचारियों को नौकरी से निकालने तथा उनके स्थान पर अन्य अनुबंधित कर्मचारियों को रखने के खिलाफ निर्देश देने का अनुरोध किया गया।
न्यायमूर्ति प्रतीक जालान ने छह अगस्त को याचिका का निपटारा करते हुए निर्देश दिया, "यदि प्रतिवादी (दिल्ली सरकार) 31 मार्च, 2026 से पहले याचिकाकर्ताओं की नियुक्ति इस आधार पर समाप्त करने का प्रस्ताव रखते हैं कि नए कर्मियों की नियुक्ति की गई है..., तो उन्हें संबंधित... (कर्मचारियों) को दो सप्ताह का नोटिस देने का निर्देश दिया जाता है।"
अदालत ने मंगलवार को डॉक्टरों की याचिका पर इसी तरह का आदेश पारित किया, जो एएएमसी में काम करने के लिए अनुबंध के आधार पर नियुक्त किए गए थे और 2016 से 2015 के बीच समय-समय पर उनकी नियुक्ति बढ़ाई गई थी। याचिका में अधिकारियों को उन्हें अवैध रूप से बर्खास्त करने से रोकने का अनुरोध किया गया।
मौजूदा मामले में, याचिकाकर्ता दिल्ली सरकार के अधीन एएएमसी में अनुबंध के आधार पर फार्मासिस्ट, मोहल्ला क्लीनिक सहायक और मल्टीटास्क कर्मचारी के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने अपनी बर्खास्तगी और उनकी जगह अन्य अनुबंधित कर्मचारियों को नियुक्त करने के विरुद्ध निर्देश देने का अनुरोध किया।
कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता अमर नाथ सैनी ने कहा कि यह मामला डॉक्टरों के मामले से अलग है, क्योंकि कुछ याचिकाकर्ताओं को टेलीफोन पर ड्यूटी पर न आने का निर्देश दिया गया है।
दिल्ली सरकार के वकील ने दलील दी कि अधिकारियों द्वारा एएएमसी के किसी भी कर्मचारी की सेवाएं समाप्त करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
यह मुद्दा हाल में उन इलाकों में मोहल्ला क्लीनिकों को चरणबद्ध तरीके से बंद करने के फैसले के बाद आया है, जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार के तहत आयुष्मान आरोग्य मंदिर संचालित हो रहे हैं। आयुष्मान आरोग्य मंदिर भी प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करते हैं।
अगस्त 2023 तक, दिल्ली में 533 मोहल्ला क्लीनिक संचालित थे।
हालांकि, केंद्र की आयुष्मान भारत योजना के तहत कम से कम सात को पहले ही आरोग्य मंदिरों में परिवर्तित कर दिया गया है।
एएएमसी कर्मचारियों द्वारा 17 मई को किए गए प्रदर्शन के बाद, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आश्वासन दिया था कि मौजूदा पैरामेडिकल और सहायक कर्मचारियों को आरोग्य मंदिरों में समायोजित किया जाएगा।
भाषा आशीष