भारत-चीन सीमा पर तैनात सुरक्षाकर्मियों के साथ पांच राज्यों की 18 महिलाओं ने मनाया रक्षाबंधन
संतोष माधव
- 09 Aug 2025, 10:09 PM
- Updated: 10:09 PM
गंगटोक, नौ अगस्त (भाषा) देश के सभी प्रमुख धर्मों और जातीय समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाली पांच राज्यों की 18 महिलाओं ने सिक्किम में भारत-चीन सीमा की सुरक्षा कर रहे सुरक्षाकर्मियों की कलाई पर राखी बांधी।
सिक्किम, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और असम की महिलाओं ने 14,250 फुट पर स्थित नाथू ला में तैनात सैनिकों और 12,500 फुट पर स्थित लुंगथुंग कैंप में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के जवानों की कलाई पर राखी बांधी।
महिलाओं ने सबसे पहले गंगटोक में सिक्किम के मुख्य सचिव रवींद्र तैलंग की कलाई पर राखी बांधी।
यहां जारी एक बयान में बताया गया कि इसके बाद वे सुरक्षा जवानों की कलाई पर राखी बांधने के लिए सुदूर इलाकों गईं।
छत्तीसगढ़ की श्रुति वर्मा ने कहा, ‘‘हम यहां अपने सैनिक भाइयों के प्रति प्रेम और आभार व्यक्त करने आए हैं, जो अपने परिवारों से दूर रहते हैं, ताकि हम शांतिपूर्वक रह सकें।’’
कार्यक्रम के आयोजक सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत यादव ने कहा कि भारत-चीन सीमा पर आयोजित रक्षाबंधन समारोह के मूल में राष्ट्रीय एकता और भावनात्मक बंधन की भावना थी।
उनके संगठन के 35 लोगों ने गंगटोक के रानीपुल स्थित एसएसबी मुख्यालय में भी रक्षाबंधन मनाया।
इस बीच, ग्यालशिंग जिले के युकसम में एसएसबी की 72वीं बटालियन द्वारा भी रक्षाबंधन मनाया गया। तथांग ‘जूनियर हाई स्कूल’ की छात्राओं ने एसएसबी अधिकारियों और कर्मियों की कलाई पर राखी बांधी।
अधिकारियों ने छात्रों को एसएसबी में भर्ती प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी और एक प्रदर्शनी के माध्यम से बल द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले गोला-बारूद और हथियारों से परिचित कराया।
गंगटोक स्थित राजभवन में भी यह पर्व मनाया गया। आईटीबीपी की महिला बटालियन की सदस्यों ने राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर की कलाई पर राखी बांधी।
माथुर ने कहा, ‘‘रक्षाबंधन सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत का जीवंत प्रतीक है। यह भाई-बहन के पवित्र रिश्ते के साथ-साथ समाज में आपसी विश्वास, सुरक्षा और स्नेह की भावना को भी मजबूत करता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह त्योहार हमें आपसी सम्मान, सामाजिक सद्भाव और पारिवारिक मूल्यों को मज़बूत करने की प्रेरणा देता है।’’
मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने अपने राज्य सिक्किम एवं उसके लोगों की शांति, समृद्धि और खुशहाली के लिए प्रार्थना की।
भाषा संतोष