क्वाड के भीतर अधिक लचीले सुरक्षा आयाम को तलाशा जा सकता है : संसदीय समिति
सुभाष अविनाश
- 12 Aug 2025, 09:20 PM
- Updated: 09:20 PM
नयी दिल्ली, 12 अगस्त (भाषा) संसद की एक समिति ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में जटिल भू-राजनीतिक स्थिति को रेखांकित करते हुए सिफारिश की है कि ‘क्वाड’ के भीतर ‘‘अधिक लचीले सुरक्षा आयाम’’ को तलाशा जा सकता है, जिसमें हिंद महासागर में संयुक्त समुद्री अभ्यास आयोजित करने जैसी पहल शामिल है।
समिति ने कहा कि संयुक्त समुद्री अभ्यास का उद्देश्य समन्वय में सुधार और उभरती सुरक्षा चुनौतियों के लिए बेहतर तैयारी करना है।
विदेश मामलों पर संसद की स्थायी समिति ने रक्षा, विदेश और वाणिज्य मंत्रालय तथा अन्य प्रमुख मंत्रालयों को शामिल करते हुए एक व्यापक अंतर-मंत्रालयी कार्यबल के गठन की भी सिफारिश की है, जो हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में देश की रणनीतिक प्राथमिकताओं के त्वरित और कुशल क्रियान्वयन में सहायता करेगा।
'भारत की हिंद महासागर रणनीति का मूल्यांकन' विषय पर समिति की 130 से ज़्यादा पृष्ठों की रिपोर्ट सोमवार को संसद में पेश की गई।
भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान 20 साल से भी पहले, 2004 में हिंद महासागर में आये भूकंप और सुनामी के बाद सहायता प्रदान करने के लिए एक साथ आए थे। इस गठबंधन को अब ‘क्वाड’ के नाम से जाना जाता है।
दिसंबर 2024 में, समूह के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों ने एक संयुक्त बयान में कहा था, ‘‘चार साझेदारों के रूप में, हम एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत के दृष्टिकोण को साझा करते हैं जो शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध हो तथा प्रभावी क्षेत्रीय संस्थानों द्वारा समर्थित हो।’’
कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वह ‘‘सुरक्षा-केंद्रित क्वाड के प्रति भारत के सतर्क दृष्टिकोण’’ को समझती है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘हालांकि, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में जटिल भू-राजनीतिक स्थिति को देखते हुए, समिति अनुशंसा करती है कि क्वाड ढांचे के भीतर अधिक लचीले सुरक्षा आयाम को तलाशा जा सकता है, जिसमें हिंद महासागर में संयुक्त समुद्री अभ्यास आयोजित करने जैसी पहल शामिल है, जिसका उद्देश्य समन्वय में सुधार करना, समुद्री क्षेत्र जागरूकता को बढ़ाना और उभरती सुरक्षा चुनौतियों के लिए बेहतर तैयारी करना है।’’
समिति के अनुसार, भारत को सामूहिक सुरक्षा सुनिश्चित करने और प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए क्षेत्रीय शक्तियों और वैश्विक साझेदारों के साथ, विशेष रूप से क्वाड जैसे मंचों के माध्यम से, ‘‘अपने रणनीतिक गठबंधनों को प्रगाढ़’’ करना चाहिए।
समिति ने सिफारिश की कि भारत को हिंद महासागर क्षेत्र के सभी 35 तटीय देशों के लिए साझा हितों पर आधारित एक ‘‘व्यापक और गतिशील रणनीतिक जुड़ाव योजना’’ तैयार करनी चाहिए।
अपनी रिपोर्ट में, समिति ने कहा कि आईओआर चीन के लिए भी काफी मायने रखता है।
इसमें कहा गया है कि ऊर्जा, खनिज संसाधनों की खोज और तैयार माल के लिए नए बाजार तलाशने की मजबूरी ने चीन को हिंद महासागर के तटीय क्षेत्रों में अपनी सक्रियता बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है और इसलिए, हिंद महासागर में चीनी सेना की निरंतर उपस्थिति चीन के लिए एक रणनीतिक आवश्यकता है।
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