विपक्ष के साथी न कुछ करना चाहते और न दूसरों को कुछ करने देना चाहते : मंत्री आशीष सिंह पटेल
आनन्द जितेंद्र
- 13 Aug 2025, 08:38 PM
- Updated: 08:38 PM
लखनऊ, 13 अगस्त (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार में प्राविधिक शिक्षा एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री आशीष सिंह पटेल ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि हमारे विपक्ष के साथी न कुछ करना चाहते हैं और न ही दूसरों को कुछ करने देना चाहते हैं।
विधानसभा में मानसून सत्र के तीसरे दिन बुधवार को ‘विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश, आत्मनिर्भर भारत-आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश’ विषय पर आयोजित विशेष चर्चा में विपक्षी दलों के सदस्यों के सवालों और आरोपों पर पलटवार करते हुए मंत्री आशीष सिंह ने कहा, “जिसके पास जनमानस के लिए कुछ अच्छा करने की दृष्टि होती है, वही इस प्रकार की चर्चा को आगे ले आता है।”
उन्होंने कहा, “हमारे विपक्ष के जो साथी हैं, न कुछ करना चाहते हैं, न कुछ सुनना चाहते हैं और न दूसरे को कुछ करने देना चाहते हैं।”
पटेल ने कहा कि 2047 में जब भारत की स्वतंत्रता के 100 साल पूरे होंगे, तब देश विकसित होगा और इसके लिए प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) की ओर से जो विकसित भारत का विजन रखा गया है, उसके लिए आभार प्रकट करता हूं।
महिला कल्याण एवं बाल विकास पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्य ने कहा, “2047 में भारत का हर बच्चा और महिला सुरक्षा और असीम अवसरों के साथ प्रगति करेगी।”
उन्होंने कहा, “महिलाएं विकास की केवल सहभागी नहीं, बल्कि उसकी प्रेरक शक्ति भी हैं। 2047 का प्रत्येक बच्चा ऐसे वातावरण में पला बढ़ा होगा, जब जन्म से ही उसके अधिकार सुरक्षित होंगे, उनकी रचनात्मकता को प्रोत्साहन मिलेगा।”
भारतीय जनता पार्टी के विधायक सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा, “यह चर्चा अपने आप में इतिहास है और गर्व होना चाहिए कि हम इतिहास के साक्षी बन रहे हैं।”
विधानसभा में समाजवादी पार्टी (सपा) के उपनेता इंद्रजीत सरोज ने सत्ता पक्ष पर आरोप लगाया, “जब से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार आयी है, तब से दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय, अत्याचार व भ्रष्टाचार का बोलबाला है। लोग पीड़ित हैं। उनको आर्थिक रूप से कमजोर बनाया जा रहा है।”
सरोज ने सवाल किया,“इनसे (भाजपा) वर्तमान नहीं संभल रहा तो भविष्य क्या संभलेगा।”
कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा, “कांग्रेस से ज्यादा इस विजन को कौन समझ सकता है। जब 1947 में आजादी मिली तो देश में सुई तक नहीं बनती थी। उस वक्त भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने वह सपना देखा था कि जहां सुई नहीं बनती थी, वहां भाभा और इसरो जैसे संस्थानों की स्थापना हुई।”
उन्होंने हर क्षेत्र में हुए विकास का सिलसिलेवार ब्यौरा दिया और कहा कि अगर हरित क्रांति आयी तो वह विजन हमारे पूर्व प्रधानमंत्री का था।
मोना ने कहा, “हम इस बात से पूरी तरह सहमत हैं कि देश और प्रदेश के लिए विजन होना चाहिए, पर अफसोस की बात है कि विजन को पूरा करने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति की आवश्यकता भी होनी चाहिए, जो भाजपा सरकार के पास दिखाई नहीं देती।”
भाषा आनन्द