पूर्व सांसद की बेटी और सीबीआई अधिकारी के खिलाफ मामला बंद :आंध्रप्रदेश सरकार
शोभना नरेश
- 01 May 2025, 02:04 PM
- Updated: 02:04 PM
नयी दिल्ली, एक मई (भाषा) आंध्र प्रदेश सरकार ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि उसने मारे गए कांग्रेस सांसद वाईएस विवेकानंद रेड्डी की बेटी और हत्या मामले की जांच कर रहे केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारी के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामला बंद कर दिया है।
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी के चाचा विवेकानंद मार्च 2019 में कडप्पा जिले के पुलिवेंदुला में अपने घर पर मृत पाए गए थे। हत्या के मामले की जांच शुरू में राज्य अपराध जांच विभाग के एक विशेष जांच दल ने की थी लेकिन जुलाई 2020 में जांच का जिम्मा केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंप दिया था।
प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ को बृहस्पतिवार को राज्य सरकार के वकील ने अवगत कराया कि पुलिस ने स्थानीय अदालत में एक रिपोर्ट दायर की है जिसमें मामले को बंद करने की बात कही गई है।
पीठ ने दलीलों पर गौर किया और कहा कि प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध करने वाली अपीलों पर आगे सुनवाई की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की जा चुकी है।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ विशेष अनुमति याचिका वापस ली गई मानते हुए खारिज की जाती है।’’
वर्तमान याचिकाओं के अलावा, शीर्ष अदालत ने इस हाई प्रोफाइल हत्या मामले से संबंधित कई याचिकाओं पर विचार किया है, जिनमें जमानत आदेशों को चुनौती देना और गवाहों को धमकाने के आरोप शामिल हैं।
सीबीआई ने इस मामले में 26 अक्टूबर 2021 को आरोपपत्र दाखिल किया और इसके बाद 31 जनवरी 2022 को पूरक आरोपपत्र दाखिल किया।
वाईएसआरसीपी (युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी) के शासन के दौरान, आंध्र प्रदेश पुलिस ने विवेकानंद रेड्डी की बेटी सुनीता नाररेड्डी और सीबीआई अधिकारी राम सिंह के खिलाफ उनके पूर्व पीए एम वी कृष्णा रेड्डी की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की थी।
हत्या के मामले में सीबीआई एम वी कृष्णा रेड्डी से पूछताछ कर रही थी।
यह प्राथमिकी एक न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद दर्ज की गई थी, जिन्होंने एम वी कृष्ण रेड्डी के इस आरोप पर गौर किया था कि उन्हें सीबीआई अधिकारी ने कडप्पा स्थित केंद्रीय कारागार के एक गेस्टहाउस में बंधक बनाकर रखा था और सुनीता नाररेड्डी के कहने पर उनसे झूठी गवाही देने को कहा था।
दिसंबर 2023 में, पुलिवेंदुला के एक मजिस्ट्रेट ने पुलिस को विवेकानंद रेड्डी की बेटी और अन्य के खिलाफ यातना के आरोपों के आधार पर एक नई प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया, जिसके परिणामस्वरूप वर्तमान कार्यवाही शुरू हुई।
आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने मई 2024 में प्राथमिकी रद्द करने की सीबीआई अधिकारी और सुनीता नाररेड्डी की याचिका को खारिज कर दिया, जिसके बाद वर्तमान अपील उच्चतम न्यायालय में दायर की गई ।
भाषा शोभना