गोवा में भगदड़ के लिए प्रशासन, पुलिस, मंदिर प्रबंधन और भीड़ सामूहिक रूप से जिम्मेदार: रिपोर्ट
धीरज पारुल
- 13 May 2025, 10:33 PM
- Updated: 10:33 PM
पणजी, 13 मई (भाषा) गोवा के एक मंदिर में हुई भगदड़ की घटना की जांच के लिए गठित समिति ने जिला प्रशासन, पुलिस, मंदिर समिति और भीड़ के व्यवहार को सामूहिक रूप से इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
उत्तरी गोवा जिले के शिरगाओ गांव में श्री देवी लइराई मंदिर में तीन मई की सुबह वार्षिक उत्सव के दौरान भगदड़ मचने से छह लोगों की मौत हो गई थी और सौ से अधिक लोग घायल हो गए थे।
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कारणों का पता लगाने के लिए सचिव (राजस्व) संदीप जैक्विस के नेतृत्व में एक तथ्यान्वेषण समिति गठित की थी।
सावंत ने मंगलवार को समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक करते हुए कहा कि समिति ने पाया कि जिला प्रशासन, पुलिस और मंदिर समिति की ओर से हुई चूक के अलावा ‘‘भीड़ का व्यवहार’’ भी इस त्रासदी का कारण बना।
पुलिस ने इस मामले में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ पहले ही प्राथमिकी दर्ज कर ली है।
सावंत ने कहा कि तथ्यान्वेषी समिति द्वारा जिम्मेदार ठहराए गए अधिकारियों को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि घटना के कुछ घंटों बाद राज्य सरकार ने जिलाधिकारी स्नेहा गिट्टे और पुलिस अधीक्षक (उत्तर) अक्षत कौशल सहित अन्य को स्थानांतरित कर दिया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंदिर में अनुष्ठान चल रहा था और भीड़ बढ़ती जा रही थी, तभी पवित्र तालाब और ‘होमकुंड’ के बीच ढलान वाले रास्ते पर भगदड़ मच गई, जहां अनुष्ठान के लिए अग्नि प्रज्ज्वलित की जाती है।
सावंत ने बताया कि अधिकारियों ने भीड़ को नियंत्रित नहीं किया और योजना भी खराब थी। उन्होंने कहा कि कुछ ‘ढोंड़’ (श्रद्धालु) का व्यवहार भी ठीक नहीं था; मंदिर प्रबंधन समिति ने भी उत्सव की व्यवस्था करते समय प्रशासन के साथ पर्याप्त सहयोग नहीं किया।
सावंत ने कहा, ‘‘मंदिर समिति ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई पहल नहीं की।’’ उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन इस पैमाने के उत्सव के लिए आवश्यक सुरक्षा उपाय करने में विफल रहा।
मुख्यमंत्री ने रिपोर्ट के हवाले से बताया कि पुलिस बल की कोई रणनीतिक तैनाती नहीं थी और पुलिसकर्मियों के बीच समन्वय भी ठीक नहीं था। उन्होंने कहा कि पुलिस ने ऐसे अवसरों के लिए आवश्यक निगरानी ढांचे भी नहीं स्थापित किए थे।
सावंत ने कहा कि इसके अलावा, मंदिर की ओर जाने वाली गली दुकानों के कारण संकरी हो गई और स्थानीय पंचायत ने मौके का निरीक्षण किए बिना ही दुकानों को बिजली कनेक्शन के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी कर दिए।
उन्होंने कहा कि तथ्यान्वेषण समिति ने इस पैमाने के आयोजनों के लिए भीड़ प्रबंधन योजना तैयार करने जैसे तत्काल उपायों सहित कई सिफारिशें की हैं।
सावंत ने कहा, ‘‘यह घटना हमारे लिए आंख खोलने वाली थी। हम ऐसे उत्सवों की सूची बनाएंगे और भीड़ प्रबंधन योजना पहले से ही लागू कर दी जाएगी।’’
भाषा धीरज