परिधान आयात पर प्रतिबंध से बांग्लादेश से भारत को आयात हो सकता है महंगा : कपड़ा उद्योग
अनुराग पाण्डेय
- 18 May 2025, 08:09 PM
- Updated: 08:09 PM
नयी दिल्ली, 18 मई (भाषा) कपड़ा उद्योग निकायों ने रविवार को कहा कि भारत द्वारा बांग्लादेश से केवल कोलकाता और न्हावा शेवा समुद्री बंदरगाहों के माध्यम से तैयार कपड़ों के प्रवेश की अनुमति देने के फैसले से पड़ोसी देश से परिधान आयात की लागत बढ़ने की संभावना है।
उन्होंने इस कदम को विदेशी निर्मित कपड़ों की डंपिंग को रोकने और परिधान उत्पादन में भारत की आत्मनिर्भरता को मजबूत करने की दिशा में समय पर उठाया गया कदम बताया।
भारत ने शनिवार को बांग्लादेश से केवल कोलकाता और न्हावा शेवा समुद्री बंदरगाहों के माध्यम से तैयार कपड़ों के प्रवेश की अनुमति देने का निर्णय लिया तथा पूर्वोत्तर में स्थल पारगमन चौकियों के माध्यम से उपभोक्ता वस्तुओं के आयात पर रोक लगा दी। इस कदम से भारत के साथ बांग्लादेश के व्यापार पर काफी असर पड़ने की संभावना है।
एक सरकारी अधिसूचना के अनुसार, रेडीमेड परिधान (आरएमजी) के अलावा प्लास्टिक, लकड़ी के फर्नीचर, कार्बोनेटेड पेय, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, फलों के स्वाद वाले पेय, कपास और कपास के कचरे को मेघालय, असम, त्रिपुरा और मिजोरम तथा पश्चिम बंगाल के फुलबारी और चंगराबांधा में भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों और जांच चौकियों के माध्यम से भारत में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
बांग्लादेशी उपभोक्ता वस्तुओं के लिए नए प्रतिबंध भारत द्वारा अपने हवाई अड्डों और बंदरगाहों के माध्यम से तीसरे देशों को बांग्लादेशी निर्यात माल के ट्रांस-शिपमेंट की लगभग पांच साल पुरानी व्यवस्था को समाप्त करने के पांच सप्ताह बाद आए।
व्यापार आंकड़ों के अनुसार, भारत ने 2024 में 63.4 करोड़ डॉलर मूल्य के आरएमजी का आयात किया, जो पिछले 10 वर्षों के दौरान 19 प्रतिशत की सालाना वृद्धि (सीएजीआर) से बढ़ा है।
अधिकारियों ने रविवार को कहा कि हालांकि बांग्लादेश से स्थल बंदरगाहों के जरिए कुछ वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र के कदम से पश्चिम बंगाल में रोजगार और परिवहन राजस्व पर असर पड़ेगा, लेकिन राष्ट्रीय हित संभावित आर्थिक नतीजों से अधिक महत्वपूर्ण है।
केंद्र सरकार ने शनिवार को कुछ बांग्लादेशी वस्तुओं, जैसे रेडीमेड वस्त्र और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के आयात पर बंदरगाह प्रतिबंध लगा दिए, जो पिछले महीने ढाका द्वारा कुछ भारतीय उत्पादों पर लगाए गए प्रतिबंधों के जवाब में था।
पेट्रापोल क्लियरिंग एजेंट्स स्टाफ वेलफेयर एसोसिएशन (पीसीएएसडब्ल्यूए) के सदस्य कार्तिक चक्रवर्ती ने कहा, “भारत द्वारा तीसरे देश से यानांतरण (ट्रांसशिपमेंट) पर प्रतिबंध लगाने के बाद भी प्रतिदिन लगभग 20-30 ट्रक तैयार प्रीमियम वस्त्र लेकर आते थे। नवीनतम आदेश से भूमि बंदरगाहों के माध्यम से इस तरह की आवाजाही पूरी तरह से बंद हो जाएगी। जब यानांतरण की अनुमति थी, तब 60-80 ट्रक लोड वस्त्र भारत में आ रहे थे।”
उन्होंने कहा कि सीमावर्ती लॉजिस्टिक केंद्रों पर ट्रक चालक और कर्मचारी बंदरगाह प्रतिबंध आदेश से प्रभावित होंगे।
नाम न बताने की शर्त पर एक व्यापार विशेषज्ञ ने कहा कि बांग्लादेश से तैयार वस्त्र अक्सर कम कीमतों पर आधुनिक भारतीय खुदरा शृंखलाओं में पहुंच जाते हैं, और इन उत्पादों को प्रभावी रूप से ‘बांग्लादेशी निर्यातकों द्वारा बाजार में फेंक दिया जाता है।’
भाषा अनुराग