केरल: दलित महिला ने पुलिस पर झूठे मामले में हिरासत में लेकर उत्पीड़न का आरोप लगाया
सिम्मी वैभव
- 19 May 2025, 02:04 PM
- Updated: 02:04 PM
तिरुवनंतपुरम, 19 मई (भाषा) तिरुवनंतपुरम में 39 वर्षीय दलित महिला ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि उसे ‘‘चोरी के झूठे मामले में’’ हिरासत में लेने के बाद गंभीर मानसिक यातना दी गई और उसका उत्पीड़न किया गया।
महिला ने मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) पर भी निष्क्रियता का आरोप लगाया है। महिला ने दावा किया कि उसके खिलाफ चोरी का मामला दर्ज किया गया जो बाद में झूठा साबित हुआ।
घरेलू सहायिका के तौर पर काम करने वाली आर बिंदु ने कहा कि जिस घर में वह काम करती थी, उसकी मालकिन ने सोने की चेन चोरी होने के मामले में उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी जिसके बाद उसे हिरासत में लिया गया।
महिला ने सोमवार को यहां टेलीविजन चैनलों से बात करते हुए आरोप लगाया कि उसने एक वकील की मदद से इस संबंध में मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव पी. शशि को शिकायत सौंपी लेकिन उन्होंने इसे पढ़ने की भी जहमत नहीं उठाई और उससे अदालत जाने को कहा।
विपक्षी कांग्रेस ने दलित महिला के आरोपों को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय की आलोचना की और पेरूरक्काडा थाने के दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की।
बिंदु के अनुसार, 23 अप्रैल की शाम को पेरूरक्काडा थाने से उसे फोन आया और उसे जल्द से जल्द थाने पहुंचने के लिए कहा गया। थाने में घर की मालकिन और उसकी बेटी मौजूद थीं। बिंदु ने कहा कि पुलिस ने उससे उनकी चेन वापस देने को कहा।
महिला ने कहा, ‘‘मैंने उनसे हजार बार कहा कि मैंने चेन नहीं चुराई लेकिन उन्होंने मुझ पर भरोसा नहीं किया। एक महिला पुलिस अधिकारी मुझे एक कमरे में ले गई और उसने मेरा ‘टॉप’ उतारकर मेरी तलाशी ली। फिर मुझे मेरे घर ले जाया गया जहां उन्होंने तलाशी ली। मुझे अपने परिवार से फोन पर भी बात नहीं करने दी गई।’’
बिंदु ने कहा कि उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उसे पूरी रात थाने में रखा गया और अगले दिन तड़के भी उससे पूछताछ की गई।
महिला ने कहा, ‘‘मुझे खाना या पानी नहीं दिया गया... सोने नहीं दिया गया। जब मैंने पीने का पानी मांगा तो एक पुलिस अधिकारी ने मुझे शौचालय में जाकर पानी पीने को कहा। उन्होंने लगातार आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया और यहां तक कि चोरी का अपराध कबूल न करने पर मेरी किशोर बेटियों को पुलिस मामले में फंसाने की धमकी दी।’’
उसने कहा कि अगली सुबह घर की मालकिन और उनकी बेटी फिर से पुलिस थाने पहुंचीं और कुछ देर तक क्षेत्र निरीक्षक से बातचीत की।
बिंदु ने कहा, ‘‘बाद में उन्होंने मुझे बताया कि मुझे माफ कर दिया गया है। पुलिस ने मुझसे कहा कि मैं घर जा सकती हूं क्योंकि घर मालकिन को कोई शिकायत नहीं है...लेकिन बाद में एक पुलिसकर्मी ने मेरे पति को बताया कि घर मालकिन को गायब हुई सोने की चेन अपने घर से ही मिल गई।’’
बिंदु ने सीएमओ के अलावा राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और राज्य अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) आयोग में भी शिकायत दर्ज कराई।
इस बीच, विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने झूठे मामले में दलित महिला को 20 घंटे से अधिक समय तक हिरासत में रखने और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के लिए दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग की।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व गृह मंत्री तिरुवंचूर राधाकृष्णन ने इस घटना को ‘‘अमानवीय’’ करार देते हुए कहा कि प्रगतिशील समाज इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेगा।
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि केपीसीसी प्रमुख सनी जोसेफ सोमवार को चुल्लीमनूर स्थित बिंदु के घर जाएंगे।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि राजनीतिक सचिव को महिला की शिकायत मिल गई है और उन्होंने पुलिस को तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
भाषा सिम्मी