मप्र: कांग्रेस ने विजय शाह मामले में शीर्ष अदालत के फैसले का स्वागत किया, तत्काल इस्तीफे की मांग की
राजकुमार
- 19 May 2025, 06:24 PM
- Updated: 06:24 PM
भोपाल, 19 मई (भाषा) कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई के नेताओं ने मंत्री विजय शाह द्वारा सैन्य अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में सोमवार को उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया और उनके तत्काल इस्तीफे की मांग की।
पार्टी नेताओं ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व वाली राज्य सरकार विजय शाह को बचाने की जो भी 'जुगत' लगा रही थी, वह भी 'फेल' हो गई है।
उच्चतम न्यायालय ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में विजय शाह के खिलाफ एसआईटी जांच के आदेश दिए हैं। शीर्ष अदालत ने उनकी टिप्पणियों पर आपत्ति जताई है और कहा कि उनके बयान से पूरा देश शर्मसार है।
विजय शाह द्वारा इस प्रकरण को लेकर माफी मांगने का तर्क दिये जाने पर शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि 'यह घड़ियाली आंसू है, माफी स्वीकार नहीं है।’
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि इस मामले में शीर्ष अदालत की टिप्पणी न केवल विजय शाह बल्कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चरित्र और चेहरे पर भी गंभीर सवाल उठाती है।
उन्होंने कहा,‘‘यह फैसला स्पष्ट करता है कि सत्ता का अहंकार और तानाशाही रवैया कानून और संविधान के सामने नहीं टिक सकता।’’
पटवारी ने कहा कि शीर्ष अदालत का यह फैसला देश के लिए एक मिसाल है और साबित करता है कि चाहे कोई कितना भी बड़ा नेता क्यों न हो, कानून और संविधान सर्वोपरि हैं।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद और सेना के सम्मान को लेकर भाजपा बड़े-बड़े दावे करती है लेकिन जब उनके ही एक मंत्री भारतीय सेना की एक वीरांगना का अपमान करते हैं वह चुप्पी साध लेती है।
उन्होंने कहा कि यह उनके राष्ट्रवाद के खोखलेपन को उजागर करती है।
पटवारी ने कहा,‘‘हम तब तक चुप नहीं बैठेंगे, जब तक विजय शाह को मंत्रिमंडल से बर्खास्त नहीं किया जाता और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई नहीं होती।’’
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने विजय शाह के खिलाफ राजद्रोह और सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने के आरोपों में भी सख्त कार्रवाई की मांग की।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने भी उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया और उन्हें मंत्रिमंडल से तत्काल बर्खास्त करने की मांग की।
उन्होंने कहा,‘‘जब सरकार नहीं सुनती है तो उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय उसका संज्ञान लेते हैं। उच्चतम न्यायालय ने जनभावना को सुना है।’’
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी विजय शाह के बयान को 'अयोग्य' मानकर अपना फैसला सुनाया है मगर भाजपा अब भी उसे 'योग्य' मानती है और तभी अब तक मौन है।
उन्होंने कहा, ‘‘पूरा देश विजय शाह के बयान की निंदा कर रहा है मगर भाजपा फिर भी कोई कार्रवाई नहीं कर रही। भाजपा में थोड़ी भी नैतिकता बची है तो शाह का तत्काल इस्तीफा होना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार अपने मंत्री विजय शाह को बचाने की जो भी जुगत लगा रही थी, अब वह फेल हो गई।’’
विजय शाह ने आपरेशन सिंदूर के बारे में मीडिया के माध्यम से देश-विदेश को जानकारी देने वाली कर्नल सोफिया के बारे में आपत्तिजनक बयान दिया था, जिसके बाद मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिये थे। विजय शाह ने इसके खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
भाषा ब्रजेन्द्र