भारत-पाक संघर्ष पर राहुल गांधी का दावा: ट्रंप के फोन के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने किया आत्मसमर्पण
राजकुमार
- 03 Jun 2025, 09:13 PM
- Updated: 09:13 PM
भोपाल, तीन जून (भाषा) लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फोन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘आत्मसमर्पण’ कर दिया।
उन्होंने कहा कि 1971 के युद्ध में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी नहीं झुकीं, जबकि अमेरिका ने अपना सातवां बेड़ा भेजा था।
उन्होंने यहां कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में पार्टी के ‘संगठन सृजन अभियान’ की शुरुआत करने के बाद ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ट्रंप का एक फोन आया और नरेन्द्र (मोदी) जी ने तुरंत आत्मसमर्पण कर दिया- इतिहास गवाह है। यही भाजपा-आरएसएस का चरित्र है, ये हमेशा झुकते हैं।’’
गांधी ने कहा, ‘‘भारत ने 1971 में अमेरिका की धमकी के बावजूद पाकिस्तान को तोड़ा था। कांग्रेस के बब्बर शेर और शेरनियां ‘सुपरपावर्स’ से लड़ते हैं, कभी झुकते नहीं।’’
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि वह भाजपा-आरएसएस के लोगों को अच्छी तरह से जानते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप थोड़ा भी दबाव डालते हैं और उन्हें (भाजपा-आरएसएस) को थोड़ा सा धक्का देते हैं, तो वे डर के मारे भाग जाते हैं।’’
उन्होंने कहा कि 1971 के युद्ध के दौरान कोई फोन नहीं आया था, भले ही सातवां बेड़ा, हथियार और एक विमान वाहक आ गया, लेकिन इंदिरा गांधी ने आत्मसमर्पण नहीं किया और कहा कि वह जो चाहती हैं वह करेंगी।
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, ‘‘गांधी (महात्मा), नेहरू (जवाहरलाल) और पटेल (वल्लभ भाई) ने कभी आत्मसमर्पण नहीं किया, उन्होंने महाशक्तियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी।’’
भाजपा और आरएसएस का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा कि आजादी के बाद से ही उन्हें 'समर्पण पत्र' लिखने की आदत रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह अंतर है। यह उनका चरित्र है। वे ऐसे ही हैं। उन्हें आजादी के समय से ही समर्पण पत्र लिखने की आदत है। कांग्रेस कभी आत्मसमर्पण नहीं करती। महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और वल्लभभाई पटेल ने कभी आत्मसमर्पण नहीं किया, उन्होंने महाशक्तियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी।’’
राहुल के मुताबिक देश में विचारधारा का टकराव देखने को मिल रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘विचारधारा की लड़ाई चल रही है। एक तरफ कांग्रेस और भारत का संविधान है जबकि दूसरी तरफ भाजपा और आरएसएस हैं जो इसमें (संविधान में) विश्वास नहीं रखते और इसे नष्ट करना चाहते हैं।’’
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि उन्होंने (भाजपा-आरएसएस वालों ने) भारत में सभी संस्थानों पर कब्जा कर लिया है और अपने लोगों को इन निकायों में डाल दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘वे धीरे-धीरे देश का गला घोंट रहे हैं। पहली लड़ाई संविधान के लिए है। एक तरफ कांग्रेस और उसकी विचारधारा है जबकि दूसरी तरफ संविधान के खिलाफ खड़ा आरएसएस है।’’
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि दूसरी लड़ाई सामाजिक न्याय के लिए है।
उन्होंने कहा, ‘‘जीतू (मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी) ने जातिगत जनगणना के बारे में बात की। लोकसभा में मैंने देश से वादा किया था कि जो कुछ भी होगा, जातिगत जनगणना संसद से ही पारित होकर रहेगी। मैं भाजपा और आरएसएस के लोगों को अच्छी तरह जानता हूं, उन पर थोड़ा दबाव डालिए, उन्हें थोड़ा धक्का दीजिए और वे डर के मारे भाग जाते हैं।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस बिना किसी दबाव के सामाजिक न्याय के लिए लड़ेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि लोकसभा में जाति आधारित जनगणना पारित हो।
उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा,‘‘पहले मोदीजी कहा करते थे कि केवल चार जातियां हैं, लेकिन चुनाव के समय वह ओबीसी बन जाते हैं।’’
राहुल ने कहा कि तेलंगाना मॉडल जातिगत जनगणना कराने के लिए लागू किया जाएगा, न कि बिहार मॉडल जो ‘‘बाबुओं द्वारा डिजाइन’’ किया गया था।
उन्होंने भाजपा सरकार पर देश के युवाओं की कीमत पर अदाणी और अंबानी को सशक्त बनाने का आरोप लगाया।
राहुल 2028 के मध्यप्रदेश चुनाव के लिए कार्यकर्ताओं में नया उत्साह भरने के उद्देश्य से और जमीनी स्तर पर कांग्रेस को मजबूत करने के लिए 'संगठन सृजन अभियान' शुरू करने के लिए भोपाल में थे।
इससे पहले दिन में उन्होंने कांग्रेस की राजनीतिक मामलों की समिति की एक बैठक को संबोधित किया और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की।
इस बैठक में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी, कांग्रेस के संगठन प्रभारी केसी वेणुगोपाल, पटवारी, कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और पार्टी के अन्य नेता मौजूद थे।
बाद में शाम को चौधरी और अन्य नेताओं ने मीडियाकर्मियों को दिन भर के कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने बूथ, मंडल और जिला अध्यक्षों का चुनाव करने और इस प्रक्रिया को एक निश्चित समय सीमा में संपन्न करने के तरीके सुझाए। प्रदेश कांग्रेस ने इसके लिए कार्यक्रम तय किया है।
भाषा ब्रजेन्द्र