अपहरण मामला: न्यायालय ने एडीजीपी के निलंबन पर तमिलनाडु सरकार से सवाल पूछे
वैभव नरेश
- 18 Jun 2025, 01:58 PM
- Updated: 01:58 PM
नयी दिल्ली, 18 जून (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को तमिलनाडु सरकार से एडीजीपी एचएम जयराम के निलंबन पर सवाल पूछे, जिन्हें अपहरण के एक मामले में उच्च न्यायालय ने हिरासत में लेने का निर्देश दिया था।
न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ को राज्य सरकार के वकील ने बताया कि अधिकारी को हिरासत में लिया गया था और मंगलवार शाम 5 बजे रिहा कर दिया गया।
अवर पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) जयराम के वकील ने कहा कि उन्हें पुलिस ने रिहा कर दिया, लेकिन सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया है।
पीठ ने कहा, ‘‘वह एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हैं। उन्हें निलंबित करने की आपको क्या जरूरत थी? इस तरह के आदेश चौंकाने वाले और मनोबल गिराने वाले हैं।’’
शीर्ष अदालत ने तमिलनाडु सरकार के वकील से कहा कि वह निर्देश लें और निलंबन वापस लेने के बारे में 19 जून तक अवगत कराएं।
जयराम ने मद्रास उच्च न्यायालय के 16 जून के निर्देश के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है। उच्च न्यायालय के निर्देश में पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करने के लिए कहा गया था।
पुलिस अधिकारी के वकील ने दलील दी कि मद्रास उच्च न्यायालय का गिरफ्तारी का आदेश ‘‘एक इकबालिया बयान पर आधारित’’ था।
जयराम ने अधिवक्ता राजेश सिंह चौहान के माध्यम से याचिका दाखिल कर कहा कि उच्च न्यायालय ने 16 जून को बिना कोई विस्तृत कारण बताए और दो आरोपियों के कथित बयानों के आधार पर उनकी गिरफ्तारी का आदेश दिया था।
उच्च न्यायालय ने मौखिक रूप से तमिलनाडु पुलिस को अपहरण के एक मामले में जयराम को हिरासत में लेने का निर्देश दिया था, जिसमें 5 अप्रैल को एक लड़की एक लड़के के साथ भाग गई थी।
जयराम को अदालत भवन से बाहर आने के बाद हिरासत में लिया गया।
उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति पी वेलमुरुगन ने विधायक एम जगन मूर्ति द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। विधायक ने गिरफ्तारी की आशंका जताई थी।
पुथिया भारतम काची पार्टी के विधायक राज्य के वेल्लोर जिले में किल्वैथिनकुप्पम (एससी) निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
जब मामला 16 जून को सुनवाई के लिए आया, तो न्यायाधीश ने मूर्ति और जयराम, जिनकी आधिकारिक कार का कथित तौर पर अपहरण के लिए इस्तेमाल किया गया था, को दोपहर में अदालत में पेश होने के लिए समन भेजा।
दोनों अदालत में पेश हुए, जिसके बाद न्यायाधीश ने एडीजीपी के खिलाफ आरोपी के इकबालिया बयान पर गौर किया और उनकी गिरफ्तारी का आदेश दिया। उच्च न्यायालय में मामले की सुनवाई 26 जून को होनी है।
भाषा वैभव