बिहार सरकार ने गरीब महिलाओं की शादी के लिए पंचायतों में विवाह भवन बनाने का फैसला किया
आशीष दिलीप
- 24 Jun 2025, 10:31 PM
- Updated: 10:31 PM
(फाइल फोटो सहित)
पटना, 24 जून (भाषा) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार ने गरीब महिलाओं की शादी के लिए राज्य के सभी पंचायत क्षेत्रों में विवाह भवन बनाने का निर्णय लिया है।
मंत्रिमंडल ने लाभार्थियों के लिए सामाजिक सुरक्षा पेंशन को 400 रुपये से बढ़ाकर 1,100 रुपये प्रति माह करने तथा स्वयं सहायता समूहों द्वारा संचालित कैंटीन में भोजन की कीमत 40 रुपये से घटाकर 20 रुपये करने का भी निर्णय लिया।
राज्य मंत्रिमंडल ने कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया। राज्य में इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं।
मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारी सरकार राज्य के ग्रामीण इलाकों में गरीब परिवारों (विवाह योग्य आयु) की बेटियों के विवाह समारोहों को सुविधाजनक बनाने के लिए सभी पंचायतों में विवाह भवन का निर्माण करेगी।’’
इस कार्यक्रम का नाम ‘मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडप योजना’ रखा गया है। कुमार ने कहा, ‘‘इन विवाह भवनों का संचालन जीविका दीदियों द्वारा किया जाएगा। पंचायत स्तर पर विवाह मंडपों के निर्माण से आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को काफी लाभ मिलेगा।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इन विवाह भवनों का संचालन जीविका दीदियों द्वारा किया जाएगा। पंचायत स्तर पर विवाह भवनों के निर्माण से आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को काफी लाभ होगा।’’
जीविका दीदियां विश्व बैंक द्वारा सहायता प्राप्त बिहार ग्रामीण आजीविका परियोजना के तहत स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं हैं। ग्रामीण गरीबों के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के उद्देश्य से शुरू की गई इस परियोजना को जीविका के नाम से भी जाना जाता है।
मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राज्य की 8,053 ग्राम पंचायतों में प्रत्येक ग्राम पंचायत द्वारा 50 लाख रुपये की लागत से विवाह हॉल का निर्माण किया जाएगा। विवाह भवन का निर्माण चालू वित्त वर्ष से शुरू होने वाले पांच वर्षों की अवधि के भीतर चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा।’’
उन्होंने बताया कि विवाह भवन के निर्माण पर कुल 4026 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
कुमार ने बताया कि मंत्रिमंडल ने जीविका द्वारा समर्थित सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के साथ-साथ राज्य भर के विभिन्न सरकारी संस्थानों में ‘दीदी की रसोई’ कैंटीन में दिए जाने वाले भोजन की कीमतें 40 रुपये से घटाकर 20 रुपये प्रति प्लेट कर दी हैं।
कुमार ने पोस्ट में लिखा कि राज्य सरकार प्रति प्लेट 20 रुपये की सहायता देगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सरकार राज्य भर के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में आवश्यक उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमने राज्य के सभी जिला कलेक्ट्रेट, उप-मंडल कार्यालयों, ब्लॉक और सर्कल कार्यालयों में भी इस व्यवस्था को लागू करने का फैसला किया है। अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं कि वे सुनिश्चित करें कि दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले लोगों को सस्ती दरों पर शुद्ध भोजन मिल सके।’’
मंत्रिमंडल ने गरीब महिला उद्यमियों को दो लाख रुपये वितरित करने के तरीके खोजने के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का निर्णय लिया।
जाति सर्वेक्षण के अनुसार, 2.76 करोड़ परिवारों में से 94 लाख की पहचान गरीब परिवारों के रूप में की गई है।
मुख्य सचिव ने बताया कि मंत्रिमंडल ने जीविका को दिए जाने वाले बैंक ऋण की राशि को 7 प्रतिशत की ब्याज दर पर मौजूदा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने को भी मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि 7 प्रतिशत से अधिक ब्याज दर पर राज्य सरकार ऋण की प्रतिपूर्ति करेगी।
मीणा ने बताया कि मंत्रिमंडल ने विभिन्न योजनाओं के 1.11 करोड़ लाभार्थियों को दी जाने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन को 400 रुपये से बढ़ाकर 1,100 रुपये प्रति माह करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से राज्य के खजाने पर 9,202 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा।
मंत्रिमंडल ने यह भी फैसला किया कि ग्राम पंचायत अब मनरेगा के तहत 10 लाख रुपये तक के काम करा सकती है। मुख्य सचिव ने बताया कि पहले मनरेगा के तहत काम के लिए प्रशासनिक मंजूरी देने की सीमा पांच लाख रुपये थी।
भाषा आशीष