श्रम संगठनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल, आवश्यक सेवाओं पर अधिक असर नहीं
निहारिका मनीषा
- 09 Jul 2025, 12:25 PM
- Updated: 12:25 PM
(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, नौ जुलाई (भाषा) देश में 10 केंद्रीय श्रम संगठनों की ओर से बुधवार को देशभर में आहूत एक दिन की हड़ताल से आवश्यक सेवाएं अधिकतर अप्रभावित रहीं।
ऐसी खबरें हैं कि हड़ताल से केरल, झारखंड और पुडुचेरी में कुछ चुनिंदा सेवाएं प्रभावित होंगी।
श्रम संगठनों ने दावा किया है कि अन्य मुद्दों के साथ-साथ नयी श्रम संहिताओं के विरोध में 25 करोड़ श्रमिकों को ‘‘आम हड़ताल’’ के लिए लामबंद किया जा रहा है।
अखिल भारतीय मजदूर संघ कांग्रेस की महासचिव अमरजीत कौर ने बुधवार सुबह ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया था कि बुधवार सुबह देशभर में आम हड़ताल शुरू हो गई। उन्हें पश्चिम बंगाल, केरल, झारखंड, कर्नाटक सहित अन्य राज्यों से हड़ताल की खबर और तस्वीरें मिली हैं।
उन्होंने कहा कि हड़ताल से बैंकिंग, डाक और बिजली सेवाएं प्रभावित होंगी। इससे तांबा और कोयला खनन प्रभावित होगा, जबकि कई राज्यों में सार्वजनिक परिवहन पर भी इसका असर पड़ेगा।
कौर ने कहा कि पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के किसान संगठन भी अपने क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन करेंगे।
श्रम संगठनों की मांगों में चार श्रम संहिताओं को खत्म करना, ठेका प्रणाली समाप्त करना, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण बंद करना तथा न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाकर 26,000 रुपये प्रति माह करना शामिल है।
इसके अलावा किसान संगठन स्वामीनाथन आयोग के सी2 प्लस 50 प्रतिशत के सूत्र के आधार पर फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य और किसानों के लिए ऋण माफी की मांग भी कर रहे हैं।
पश्चिम बंगाल में सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए व्यवस्था की है कि हड़ताल के दौरान सामान्य जनजीवन प्रभावित न हो।
राज्य के कुछ हिस्सों में सड़कों व ट्रेनों को अवरुद्ध करने के प्रयास किए गए, लेकिन पुलिस और प्रशासन ने सामान्य जनजीवन सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा एवं परिवहन के लिए व्यापक प्रबंध किए।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) शासित केरल के कई हिस्सों में हड़ताल के कारण कामकाज ठप रहा। राज्य में श्रम संघों और वामपंथी संगठनों का इस हड़ताल को जबरदस्त समर्थन मिला है।
पुडुचेरी में हड़ताल के कारण निजी बसें, ऑटो और टेम्पो सड़कों से नदारद रहे।
सूत्रों ने बताया कि एहतियात के तौर पर निजी स्कूलों के प्रबंधन ने छुट्टी घोषित कर दी है। दुकानें, प्रतिष्ठान, सब्जी और मछली बाजार भी बंद रहे।
भाषा निहारिका