भारतीय अर्थव्यवस्था अगले डेढ़ दशक में सात-आठ प्रतिशत की दर बढ़ेगी : डेलॉयट अधिकारी
प्रेम प्रेम अजय
- 22 Jul 2025, 06:37 PM
- Updated: 06:37 PM
नयी दिल्ली, 22 जुलाई (भाषा) वैश्विक पेशेवर सेवा प्रदाता डेलॉयट की दक्षिण एशिया इकाई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रोमल शेट्टी ने कहा है कि भारत अगले डेढ़ दशक में सात-आठ प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर हासिल कर सकता है, क्योंकि हाल के वर्षों में यह कई वैश्विक संकट से सफलतापूर्वक उबर चुका है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का अनुमान है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है और इस साल वह जापान को पीछे छोड़कर लगभग 4.2 लाख करोड़ डॉलर के साथ चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।
शेट्टी ने पीटीआई-भाषा के साथ खास बातचीत में कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है। इसका मुख्य कारण सेवाओं में मजबूत प्रदर्शन, बढ़ता बाजार निवेश और कृषि उत्पादकता में सुधार है।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी और भू-राजनीतिक उथल-पुथल जैसे बड़े झटकों के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था जुझारू बनी हुई है और ठोस वृद्धि के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि भारत की मुख्य रूप से सेवा-आधारित अर्थव्यवस्था वैश्विक व्यापार चुनौतियों से काफी हद तक अप्रभावित रहती है।
शेट्टी ने कहा कि अगले 10-15 वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था सात-आठ प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है।
उन्होंने बताया कि भारत में दुनिया के 50 प्रतिशत से अधिक वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) हैं जबकि फॉर्च्यून 2000 कंपनियों में से लगभग 67 प्रतिशत की अभी भारत में मौजूदगी नहीं है।
भारत में फिलहाल लगभग 1,800 वैश्विक क्षमता केंद्र हैं जो सही नीतिगत परिवेश, पारिस्थितिकी समर्थन और समन्वित कार्रवाई के साथ अगले कुछ वर्षों में 3,400-5,000 केंद्रों तक बढ़ सकते हैं।
शेट्टी ने कहा कि भारत में प्रति व्यक्ति आय अभी 2,800 अमेरिकी डॉलर से कम है लेकिन इसके 4,000 डॉलर के करीब पहुंचने के साथ ही खपत दोगुनी हो जाएगी।
उन्होंने विनिर्माण, सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्रों में बढ़ती रुचि और अच्छे मानसून के बाद कृषि उत्पादकता में सुधार का भी उल्लेख किया।
उन्होंने वैश्विक कंपनियों के भारत में सेवा क्षेत्र में निवेश करने की रणनीति का जिक्र करते हुए कहा कि रक्षा, सेमीकंडक्टर और दवा क्षेत्रों में भी निवेश की क्षमता है।
डेलॉयट के वरिष्ठ अधिकारी ने वैश्विक व्यापार युद्ध को स्थायी प्रवृत्ति मानते हुए कहा कि अगले कुछ महीनों में मौजूदा अनिश्चितता कम हो सकती है।
उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध कई साल में सबसे मजबूत हैं। इसकी वजह यह है कि दोनों देशों के बीच पहले से कहीं अधिक समान आधार हैं।
उनकी यह टिप्पणी भारत पर उच्च सीमा शुल्क लगाने की एक अगस्त की समयसीमा नजदीक आने के बीच आई है। उनका मानना है कि वर्तमान उच्च शुल्क दरें कम होंगी और व्यापार युद्ध जल्द ही समाप्त होंगे।
शेट्टी ने कहा कि भारत और अमेरिका अपने-अपने हितों की रक्षा करते हुए एक बीच का रास्ता तलाशने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देशों के बीच एक ऐसा समझौता होगा जिससे दोनों बाजारों को महत्वपूर्ण रूप से लाभ मिलेगा।
भाषा प्रेम प्रेम