जाधव ने विश्व विश्वविद्यालय खेलों के तीरंदाजी में स्वर्ण जीता, परनीत के नाम रजत पदक
आनन्द नमिता
- 26 Jul 2025, 09:25 PM
- Updated: 09:25 PM
राइन-रूहर, ईसेन (जर्मनी), 26 जुलाई (भाषा) साहिल जाधव ने दबाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए पुरुषों के कंपाउंड व्यक्तिगत वर्ग में शनिवार को यहां स्वर्ण पदक जीता, जिससे भारतीय तीरंदाजों ने विश्व विश्वविद्यालय खेलों (डब्ल्यूयूजी) के तीरंदाजी स्पर्धा में पांच पदकों के साथ अभियान समाप्त किया।
इससे पहले परनीत कौर महिला कंपाउंड के रोमांचक फाइनल में दक्षिण कोरिया की मून यीउन के खिलाफ दबाव में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में नाकाम रही और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
इन दोनों के अलावा भारत ने कंपाउंड तीरंदाजों ने मिश्रित टीम स्वर्ण, पुरुषों की टीम रजत, महिलाओं की टीम कांस्य के साथ रिकर्व तीरंदाजों के निराशाजनक प्रदर्शन की काफी हद तक भरपाई भी कर दी।
जाधाव ने फाइनल में शानदार प्रदर्शन करते हुए 15 में से 14 निशाने 10 अंक के लगाये। उनका आखिरी निशाना नौ अंक का रहा जिससे रोमांचक फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन के अजय स्कॉट को 149-148 से हराया।
स्कॉट के तीन एक्स (केंद्र के करीब 10 अंक वाले निशाने) के साथ शुरुआत करने के बावजूद, भारतीय ने धैर्य बनाए रखा और पांचवें दौर की आखिरी निशाने से पहले कोई चूक नहीं की।
जाधव ने इससे सेमीफाइनल के बेहद रोमांचक मुकाबले में हमवतन कुशल दलाल को शूट ऑफ में पछाड़ा।
दोनों तीरंदाजों के 148-148 से बराबरी पर रहने के बाद शूट ऑफ में भी 10 अंक का निशाना साधा लेकिन जाधाव का तीर केन्द्र के करीब था।
दलाल को इसके बाद कांस्य पदक मैच में भी निराशा का सामना करना पड़ा। वह पोलैंड के प्रेजेमिस्लाव कोनेकी से 148-150 से हार गए।
इससे पहले महिलाओं के फाइनल में दक्षिण कोरिया की तीरंदाज ने परनीत को महज एक अंक से पछाड़कर 147-146 से जीत दर्ज की।
क्वालिफिकेशन चरण में शीर्ष पर रहीं परनीत ने मजबूत शुरुआत की और पहले दो दौर में शानदार प्रदर्शन कर तीसरी वरीयता प्राप्त प्रतिद्वंद्वी पर दो अंकों की बढ़त बना ली।
परनीत हालांकि तीसरे दौर में लय नहीं बनाये रख सकी और उन्होंने दो अंक गंवा दिये। इस दौर में मून ने पूरी 30 के स्कोर के साथ बराबरी की।
कोरिया की खिलाड़ी ने इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने चौथे दौर में भी 10 अंक के तीन निशाने के साथ पूरे 30 अंक हासिल कर एक अंक की बढ़त कायम कर ली।
परनीत को खिताब के लिए आखिरी दौर में पूरे अंक की जरूरत थी लेकिन वह 29 अंक ही हासिल कर सकी। मून ने भी 29 अंक बनाये जिससे वह खिताब जीतने में सफल रही।
परनीत ने इससे पहले सेमीफाइनल के कड़े मुकाबले में दक्षिण कोरिया की पांचवीं वरीयता प्राप्त किम सूयोन को सिर्फ एक अंक (145-144) से हराया था।
भाषा आनन्द