संसद ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन छह महीने और बढ़ाने संबंधी संकल्प को दी मंजूरी
माधव मनीषा मनीषा माधव
- 05 Aug 2025, 02:49 PM
- Updated: 02:49 PM
नयी दिल्ली, पांच अगस्त (भाषा) संसद ने मंगलवार को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन छह महीने और बढ़ाने के प्रावधान वाले सांविधिक संकल्प को मंजूरी दे दी।
राज्यसभा में आज विपक्षी सदस्यों के विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के बीच इस संकल्प को ध्वनिमत से पारित किया गया। लोकसभा इसे पहले ही मंजूरी दे चुकी है।
इससे पहले गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन से संबंधित सांविधिक संकल्प को चर्चा एवं पारित करने के लिए उच्च सदन में पेश किया जिसके तहत राज्य में 13 फरवरी 2025 को संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत लागू राष्ट्रपति शासन को 13 अगस्त से छह और महीने के लिए बढ़ाया जाना है।
संकल्प में कहा गया है, ‘‘यह सभा राष्ट्रपति द्वारा मणिपुर के संबंध में संविधान के अनुच्छेद 356 के अधीन जारी दिनांक 13 फरवरी, 2025 की उद्घोषणा को दिनांक 13 अगस्त, 2025 से आगे छह माह के लिए जारी रखने का अनुमोदन करती है।’’
उच्च सदन में उपसभापति हरिवंश ने चर्चा के लिए कई सदस्यों का नाम पुकारा किंतु वाईएसआर कांग्रेस के सुभाष चंद्र बोस पिल्लै और बीजू जनता दल के मुजीबुल्ला खान के अलावा किसी अन्य विपक्षी सदस्य ने चर्चा में भाग नहीं लिया।
हंगामे और शोरशराबे के कारण पिल्लै और खान की बात सुनी नहीं जा सकी। यह दोनों सदस्य जब बोल रहे थे तो कई विपक्षी सदस्य उनके आसपास खड़े होकर नारेबाजी कर रहे थे। उपसभापति ने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से ऐसा नहीं करने को कहा किंतु उनकी अपील का कोई असर नहीं हुआ।
चर्चा का गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने जवाब दिया किंतु शोरशराबे के कारण उनका जवाब भी सुनाई नहीं दिया।
इसके उपरांत उपसभापति ने इस संकल्प को ध्वनिमत से पारित करवाया और दोपहर करीब सवा दो बजे बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।
मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद 13 फरवरी 2025 को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था।
राज्य में मई 2023 से हिंसा शुरू हुई थी, जिसमें मेइती और कुकी-जो समुदायों के बीच जातीय हिंसा में कम से कम 260 लोग मारे गए और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
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