उत्तर प्रदेश सरकार ने असुरक्षित स्कूल भवनों को ध्वस्त करने का आदेश दिया
जफर जोहेब
- 05 Aug 2025, 04:29 PM
- Updated: 04:29 PM
लखनऊ, पांच अगस्त (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से मंगलवार को जारी एक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए बेसिक शिक्षा विभाग परिषदीय विद्यालयों में जर्जर भवनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सक्रिय हो गया है।
बयान में कहा गया है कि राज्य के जिलों को निर्देश दिया गया है कि वे जर्जर भवनों की तत्काल पहचान करें, उनका सत्यापन करके ध्वस्त करें और छात्रों व शिक्षकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
यह निर्णय स्कूल परिसरों में असुरक्षित इमारतों के बारे में हाल ही में हुए खुलासों के बाद लिया गया है। इन भवनों से छात्रों के जीवन को खतरा था और विभाग की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा था।
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर किसी भी ढांचे के ढहने या किसी दुर्घटना की सूचना मिलती है, तो संबंधित अधिकारी सीधे तौर पर जिम्मेदार होगा और उसके खिलाफ कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
बयान में कहा गया है कि विभिन्न जिलों से प्राप्त रिपोर्टों के आधार पर, असुरक्षित भवनों की तत्काल पहचान की जा रही है और ऐसे भवनों की सूची सत्यापन व मूल्यांकन के लिए तकनीकी समिति को सौंपी जाएगी।
बयान के अनुसार जिला अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि यह प्रक्रिया निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरी हो।
बयान के अनुसार तकनीकी समिति द्वारा असुरक्षित घोषित किए गए भवनों में किसी भी शैक्षणिक गतिविधि की अनुमति नहीं होगी।
बयान में कहा गया है कि सुरक्षित कक्षाओं, स्कूल भवनों, पंचायत भवनों या ग्राम सचिवालयों में वैकल्पिक शिक्षण व्यवस्था की जानी चाहिए।
जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, यदि किसी असुरक्षित संरचना को तत्काल ध्वस्त नहीं किया जा सकता, तो उसके चारों ओर "अनुपयोगी" या "प्रवेश निषिद्ध" जैसी चेतावनियां अंकित की जानी चाहिए।
बयान में कहा गया है कि इन इमारतों को पूरी तरह से चिनाई करके सील किया जाना चाहिए ताकि छात्रों को वहां पहुंचने से रोका जा सके।
बयान में कहा गया है कि छतों पर जलभराव, मलबा और पत्ते जमा होने से पानी की निकासी रुकती और इमारतों को नुकसान पहुंचता है, इसलिए, स्थानीय निकायों जैसे नगरपालिका या ग्राम पंचायतों के माध्यम से स्कूलों की छतों की नियमित सफाई और जल निकासी सुनिश्चित की जाए।
भवन निर्माण मामलों के विशेषज्ञ श्यामकिशोर तिवारी ने एक बयान में कहा कि कई स्कूलों में अब भी गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त संरचनाएं हैं, जो छात्रों व शिक्षकों के जीवन के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रही हैं।
तिवारी ने कहा, " प्रशासन ने पहले ही निर्देश जारी कर दिए थे, लेकिन हाल ही में अखबारों में प्रकाशित तस्वीरों ने विभाग की विश्वसनीयता को ठेस पहुंचाई है। इसलिए अब समयबद्ध, प्रभावी और ठोस कार्रवाई जरूरी है।"
उन्होंने आगे कहा, "बेसिक शिक्षा विभाग की इस पहल का उद्देश्य स्कूल परिसर में सुरक्षा सुनिश्चित करना और परिषदीय स्कूलों में लोगों का विश्वास बहाल करना है।"
भाषा जफर