केंद्रीय मंत्री संजय कुमार ने तेलंगाना सरकार से फोन टैपिंग मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की
सुभाष रंजन
- 08 Aug 2025, 04:38 PM
- Updated: 04:38 PM
हैदराबाद, आठ अगस्त (भाषा) केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बी. संजय कुमार ने शुक्रवार को मांग की कि तेलंगाना सरकार पूर्ववर्ती भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) शासन के दौरान कथित अवैध फोन टैपिंग की जांच सीबीआई को सौंपे।
फोन टैपिंग मामले में गवाह के तौर पर बयान दर्ज कराने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के अधिकारियों से मिलने से पहले पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें एसआईटी की जांच पर भरोसा नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया कि एसआईटी के अधिकारी भले ही ‘‘अच्छे’’ हों, लेकिन कांग्रेस सरकार उन्हें स्वतंत्र रूप से जांच करने की छूट नहीं दे रही है।
कांग्रेस और बीआरएस के बीच दोस्ती का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने बीआरएस शासन के समय के विभिन्न मुद्दों पर आरोपों की जांच के लिए आयोग गठित किए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की।
उन्होंने कहा, ‘‘वे (कांग्रेस और बीआरएस) मिलकर ये नाटक कर रहे हैं। हमें इस पर (एसआईटी जांच पर) भरोसा नहीं है। इसलिए, हम सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।’’
संजय कुमार ने दावा किया कि पूर्ववर्ती बीआरएस सरकार के दौरान जब वह भाजपा की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष थे, उनके फोन कॉल सबसे अधिक टैप किये गए थे।
उन्होंने आरोप लगाया कि उनके परिवार के सदस्यों, कर्मचारियों और उनके घर पर काम करने वालों के अलावा भाजपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के फोन टैप किये गए।
कुमार ने कहा कि उन्होंने ही बीआरएस शासन के दौरान अवैध फोन टैपिंग का पर्दाफाश किया था।
उन्होंने यह भी कहा कि वह फोन टैपिंग के संबंध में अपने पास उपलब्ध जानकारी और ‘‘गोपनीय रिपोर्ट’’ एसआईटी को सौंपेंगे।
कुमार ने यहां खैरताबाद स्थित हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना की और फिर एसआईटी अधिकारियों के समक्ष पेश होने के लिए पैदल ही दिलकुशा सरकारी गेस्टहाउस पहुंचे।
पूर्व में, कुमार ने एसआईटी अधिकारियों से 28 जुलाई को उनका बयान दर्ज करने को कहा था, लेकिन संसद सत्र के कारण वह ऐसा नहीं कर सके।
कुमार ने फोन टैपिंग के पीछे पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव का हाथ होने का आरोप लगाते हुए पूर्व में कहा था कि वह जांचकर्ताओं से सहयोग करेंगे।
अधिकारियों ने इससे पहले तेलंगाना के पूर्व विशेष खुफिया ब्यूरो (एसआईबी) प्रमुख टी प्रभाकर राव से पूछताछ की थी, जो इस मामले में मुख्य आरोपी हैं।
राव पर तत्कालीन सत्तारूढ़ राजनीतिक दल और उसके नेताओं को लाभ पहुंचाने के लिए राजनीतिक निगरानी से संबंधित कुछ विशिष्ट कार्यों को होने देने के लिए एसआईबी के भीतर एक पुलिस उपाधीक्षक (अब निलंबित) के अधीन एक ‘‘विशेष अभियान दल’’ गठित करने का आरोप है।
भाषा सुभाष