भारत व्यापार वार्ता में अपनी रणनीतिक स्वायत्तता बनाए रखे, दबाव में न आएः अमिताभ कांत
प्रेम रमण
- 08 Aug 2025, 10:08 PM
- Updated: 10:08 PM
नयी दिल्ली, आठ अगस्त (भाषा) जी-20 में भारत के पूर्व शेरपा अमिताभ कांत ने शुक्रवार को कहा कि भारत को अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत करते समय किसी भी दबाव में नहीं आना चाहिए और अपनी रणनीतिक स्वायत्तता बनाए रखनी चाहिए।
कांत ने कहा कि देश को प्रस्तावित व्यापार समझौते को लेकर दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ शांत और संतुलित तरीके से बातचीत करनी चाहिए।
कांत ने यहां ‘बिजनेस टुडे इंडिया@100’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को व्यापार से जुड़ी अनिश्चितताओं को अर्थव्यवस्था में व्यापक सुधार लागू करने के अवसर के रूप में देखना चाहिए।
अमेरिका ने छह अगस्त को सभी भारतीय आयात पर मौजूदा 25 प्रतिशत शुल्क के ऊपर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की जो 27 अगस्त से प्रभावी होगा। अमेरिका ने यह कदम भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद जारी रखने के जवाब में उठाया है।
कांत ने इस संदर्भ में कहा, ‘‘हमारे पास अब भी इस शुल्क के लिए 20 दिन हैं। हमें कभी भी दबाव में नहीं आना चाहिए। लेकिन हमें बहुत तर्कसंगत ढंग से, समझदारी दिखाते हुए बात करनी चाहिए। मुझे लगता है कि एक समझौते पर पहुंचने में बहुत समय लग सकता है।"
नीति आयोग के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) कांत ने कहा, "हमने शीत युद्ध के दौरान भी अपनी रणनीतिक स्वायत्तता नहीं खोई। भारत को कभी नहीं झुकना चाहिए, बल्कि मौजूदा समय की ही तरह शांत और संयमित व्यवहार करना चाहिए।’’
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत के संदर्भ में की गई ‘मृत अर्थव्यवस्था’ संबंधी टिप्पणी पर उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है और जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है।
उन्होंने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) ढांचे को सरल बनाने, गैर-जरूरी नियमों को खत्म करने और राज्यों में प्रक्रियाओं को आसान करने की जरूरत बतायी।
इसके साथ कांत ने व्यक्तिगत आयकर संरचना में सुधार, यात्रा एवं पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने और खनिज-समृद्ध पूर्वी राज्यों में नौ-दस प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने की संभावना पर बल दिया।
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