जोखिमों व खतरों को कम करने के लिए विशेषज्ञों से परामर्श लेने की जरुरत है: अब्दुल्ला
प्रीति प्रशांत
- 16 Aug 2025, 04:58 PM
- Updated: 04:58 PM
चशोती (जम्मू-कश्मीर), 16 अगस्त (भाषा) जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्र शासित प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हाल ही में आई प्राकृतिक आपदाओं पर चिंता जाहिर की और ‘‘जोखिमों और खतरों को कम करने’’ के लिए विशेषज्ञों से परामर्श लेने का आह्वान किया।
किश्तवाड़ जिले में बादल फटने के बाद चशोती गांव के दौरे पर आए अब्दुल्ला ने गांव से वापस लौटते समय पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि समूचा हिमालयी क्षेत्र अब हिमनद झीलों के फटने और बादल फटने के प्रति अधिक संवेदनशील हो गया है।
अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा के लिए उनकी सरकार द्वारा विशेषज्ञों की एक टीम गठित करने की संभावना के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस मुद्दे पर ध्यान देंगे। यह सिर्फ जम्मू-कश्मीर में हो रही घटनाओं की बात नहीं है। हमने उत्तराखंड के जो भयावह वीडियो देखे, उन पर नजर डालिये। हिमाचल में क्या हो रहा है? मुझे लगता है कि अब हम सभी इन हिमनद झीलों और बादल फटने की घटनाओं के शिकार हो रहे हैं। इस अजीबोगरीब और अस्पष्ट मौसम के लिए हमें सामूहिक और व्यक्तिगत रूप से विशेषज्ञों से परामर्श करना होगा कि इन जोखिमों और खतरों को कम करने के लिए हम क्या कर सकते हैं। ’’
किश्तवाड़ जिले के चशोती गांव में बृहस्पतिवार को बादल फटने से अचानक आई बाढ़ के कारण अब तक 60 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से अधिक लोग घायल हो गए हैं।
इस प्राकृतिक आपदा में 80 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में तीर्थयात्राओं को विनियमित करेगी, इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि तीर्थयात्रा में 100 से 400 लोग आते थे, लेकिन अब हजारों लोग आ रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘जाहिर है, मौसम के बदलते मिज़ाज को देखते हुए हमें थोड़ा और नियमन, पंजीकरण वगैरह के बारे में सोचना होगा। लेकिन अगर मैं आज कोई घोषणा करता हूं तो यह मेरी तरफ से एक ग़लती होगी क्योंकि इसमें लोगों की धार्मिक भावनाएं जुड़ी होती हैं।’’
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘हमें धर्मगुरुओं और स्थानीय तीर्थयात्राओं से जुड़े लोगों से परामर्श करना होगा और कुछ कदम उठाने होंगे।"
उन्होंने कहा कि बादल फटने से आई बाढ़ में लगभग 80 लोग लापता बताए जा रहे हैं, लेकिन यह अंतिम संख्या नहीं है।
भाषा
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