कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने भाजपा पर ‘धर्मस्थल’ मामले का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया
देवेंद्र नेत्रपाल
- 16 Aug 2025, 05:00 PM
- Updated: 05:00 PM
बेंगलुरु, 16 अगस्त (भाषा) कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर धर्मस्थल में हुईं ‘‘हत्याओं और शवों को सामूहिक रूप से दफनाए’’ जाने के मामले में ‘‘राजनीति करने’’ का शनिवार को आरोप लगाया।
वह भाजपा की ‘धर्मस्थल चलो’ रैली पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें पार्टी के सदस्य कई वाहनों में सवार होकर मंदिर नगरी पहुंचे और हिंदू मंदिरों तथा परंपराओं के खिलाफ ‘‘बदनाम करने वाले अभियान’’ के विरोध में प्रदर्शन किया।
उपमुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘भाजपा ने शुरुआत में कुछ नहीं कहा, अब सभी बोल रहे हैं। उन्हें शुरुआत में ही बोलना चाहिए था। अब भाजपा वाले राजनीति कर रहे हैं, और कुछ नहीं। वे राजनीति के लिए वहां (धर्मस्थल) जा रहे हैं।’’
शिवकुमार ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘भाजपा सोचती है कि हिंदुत्व उनकी संपत्ति है। लेकिन, यह किसी की नहीं है। यह प्रत्येक व्यक्ति की भक्ति, भावना और आस्था है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब शिकायत दर्ज कराई गई थी, तब उन्होंने क्यों नहीं कहा कि यह गलत है?’’
राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) पिछले दो दशकों में ‘धर्मस्थल’ में विभिन्न स्थानों पर हुईं हत्या, बलात्कार की घटनाओं और शवों को दफनाने के आरोपों की जांच कर रही है।
शिकायतकर्ता एक पूर्व सफाई कर्मचारी है और उसकी पहचान गोपनीय रखी गई है। उसने आरोप लगाया कि 1995 से 2014 के बीच उसे शवों को दफनाने के लिए मजबूर किया गया जिनमें महिलाओं और नाबालिगों के शव भी शामिल थे - जिनमें से कुछ पर यौन उत्पीड़न के निशान थे।
जांच के तहत, एसआईटी ने धर्मस्थल में नेत्रवती नदी के किनारे शिकायतकर्ता द्वारा चिह्नित कई स्थानों पर खुदाई की है तथा अब तक दो स्थानों पर अवशेष बरामद किए हैं।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहती और धर्मस्थल के सम्मान की रक्षा करना चाहती है।
कांग्रेस ने कहा है कि जो भी दोषी है उसे दंडित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘जब शिकायत दी गई थी - चाहे वह झूठ थी या नहीं और जब मजिस्ट्रेट के सामने दी गई थी, अगर इसकी जांच नहीं हुई होती, तो यही भाजपा सरकार पर सवाल उठाती। अब वे राजनीति कर रहे हैं...।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें (भाजपा को) शिकायतकर्ता के खिलाफ नार्को जांच की मांग करने दीजिए, लेकिन जब एसआईटी का गठन किया गया था, तब उन्होंने आपत्ति क्यों नहीं जताई? उन्होंने ही जांच और एसआईटी की मांग की थी, अब वे जांच के संबंध में जो चाहें बोल रहे हैं। सरकार जांच में हस्तक्षेप नहीं कर रही है।’’
भाजपा ने जांच के संबंध में सरकार के रवैये और ‘धर्मस्थल’ तथा वहां के मंदिर को निशाना बनाकर चलाए जा रहे ‘‘बदनाम करने वाले अभियान’’ के खिलाफ कार्रवाई करने में उसकी ‘‘विफलता’’ की आलोचना की है।
‘धर्मस्थल’ के खिलाफ ‘‘साजिश’’ संबंधी उनके बयान पर पूछे गए सवाल के जवाब में शिवकुमार ने कहा, ‘‘मैं जो कह रहा हूं वह मेरी निजी राय है... न तो मैं और न ही कोई अन्य व्यक्ति जांच में हस्तक्षेप करेगा।’’
शिवकुमार ने कहा कि पार्टी में आंतरिक चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि किसी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
भाषा
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