असम कांग्रेस ने सरकारी परियोजना से गायों को भाजपा के करीबियों को बेचे जाने की सीबीआई जांच की मांग की
पारुल पवनेश
- 02 Jul 2025, 10:26 PM
- Updated: 10:26 PM
गुवाहाटी, दो जुलाई (भाषा) विपक्षी दल कांग्रेस ने असम सरकार की एक परियोजना से 90 गिर गायों को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक मंत्री की पत्नी, सांसद और कई विधायकों सहित कुछ अन्य व्यक्तियों को कथित तौर पर बेचे जाने के मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की बुधवार को मांग की।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता राम प्रसाद सरमा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि मंत्रियों और विधायकों के लिए धन उपलब्ध है, लेकिन गायों की देखभाल के लिए गौशालाओं को देने के वास्ते धन नहीं है।
उन्होंने दावा किया, "गोरुखुटी कृषि परियोजना में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं और भ्रष्टाचार हुआ है। परियोजना के अध्यक्ष पद्म हजारिका और मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के बयानों में स्पष्ट अंतर है।"
गोरुखुटी बहुउद्देशीय कृषि परियोजना की शुरुआत 2021 में कथित अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिए बड़े पैमाने पर बेदखली अभियान चलाए जाने के बाद की गई थी, जिसमें ज्यादातर बांग्ला भाषी मुसलमान शामिल थे। इस दौरान 12 साल के एक लड़के सहित दो लोगों की मौत हो गई थी।
सरमा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने परियोजना का बचाव करने की कोशिश की, लेकिन विधायक हजारिका ने कहा कि कृषि विभाग ने उन्हें कई मोर्चों पर गुमराह किया।
उन्होंने कहा, "सबसे बड़ी बात यह सामने आई कि एक मंत्री, भाजपा विधायक, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और सरकार के कई करीबी लोगों ने गोरुखुटी परियोजना के लिए लाई गई गिर गायों को अवैध रूप से खरीदा।"
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि इस प्रक्रिया में किसी प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया और निर्धारित नियमों का उल्लंघन किया गया।
गुवाहाटी उच्च न्यायालय में अधिवक्ता और पूर्व सांसद सरमा ने कहा, "सरकारी पदाधिकारियों के बयानों में विसंगतियां हैं। भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। हम गोरुखुटी परियोजना में हुई गड़बड़ी और भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच की मांग करते हैं।"
उन्होंने कहा कि यह परियोजना भारतीय नागरिकों को बेदखल करने के बाद 77,000 बीघा से अधिक कृषि भूमि पर शुरू की गई थी, जिस पर कुल 25 करोड़ रुपये का खर्च आया था।
सरमा ने कहा, "पद्म हजारिका को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिए जाने और बड़ी मात्रा में सार्वजनिक धन खर्च किए जाने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि इस परियोजना से असम के आम लोगों को लाभ होगा और बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा।"
उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री शर्मा और अध्यक्ष हजारिका दोनों ने दावा किया था कि गोरुखुटी में गिर गायों से दूध उत्पादन से असम की डेयरी मांग पूरी होगी। लेकिन इसके बजाय, सार्वजनिक धन का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हुआ और पूरी पहल का राजनीतिकरण किया गया।"
आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री जयंत मल्ला बरुआ ने पिछले हफ्ते एक प्रेस वार्ता में कहा था कि मूल रूप से गोरुखुटी परियोजना के लिए खरीदी गई 90 गिर गायों को निजी व्यक्तियों को बेच दिया गया, जिनमें उनकी पत्नी, भाजपा के प्रदेश प्रमुख दिलीप सैकिया, विधायक भुबन पेगु, दिगंत कलिता और उत्पल बोरा शामिल हैं।
भाषा पारुल