वायु रक्षा प्रणाली मजबूत करने के लिए मोदी ने मिशन ‘सुदर्शन चक्र’ की घोषणा की
देवेंद्र नरेश
- 15 Aug 2025, 06:25 PM
- Updated: 06:25 PM
(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, 15 अगस्त (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के महत्वपूर्ण सैन्य और नागरिक प्रतिष्ठानों की रक्षा करने और किसी भी दुश्मन के खतरे की स्थिति में निर्णायक प्रतिक्रिया देने के लिए स्वदेशी रक्षा कवच विकसित करने के वास्ते 10 वर्षीय परियोजना की शुक्रवार को घोषणा की। यह कदम पाकिस्तान और चीन से दोहरी सुरक्षा चुनौतियों पर चिंताओं के बीच उठाया गया है।
मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में सैन्य मंचों के लिए विदेशी प्रौद्योगिकियों पर निर्भरता कम करने के देश के संकल्प की ओर इशारा किया और भारत के लड़ाकू विमानों के लिए देश के अंदर ही जेट इंजन के विकास की जरूरत बताई।
प्रधानमंत्री ने हालांकि ‘‘सुदर्शन चक्र’’ नामक रक्षा प्रणाली के बारे में विस्तार से नहीं बताया, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह इजराइल की ‘आयरन डोम ऑल-वेदर’ वायु रक्षा प्रणाली की तर्ज पर हो सकती है।
एक विशेषज्ञ ने कहा कि मोदी ने जिस सुरक्षा कवच की घोषणा की है, उसमें निश्चित रूप से ‘एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल’ प्रणाली के साथ-साथ आक्रामक हमले की क्षमता भी शामिल होगी।
अपने संबोधन में मोदी ने राष्ट्रीय विकास के लिए पर्याप्त सुरक्षा की आवश्यकता पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि सुरक्षा के प्रति उदासीनता कोई विकल्प नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘‘इसलिए मैं आज लाल किले की प्राचीर से कह रहा हूं, आने वाले 10 साल में, 2035 तक राष्ट्र के सभी महत्वपूर्ण स्थलों, जिनमें सामरिक के साथ-साथ असैन्य क्षेत्र भी शामिल हैं, जैसे अस्पताल, रेलवे, या जो भी आस्था के केंद्र हो, उन्हें टेक्नोलॉजी के नये प्लेटफॉर्म द्वारा पूरी तरह सुरक्षा का कवच दिया जाएगा।’’
मोदी ने कहा कि सुरक्षा कवच का विस्तार होना चाहिए और देश का प्रत्येक नागरिक सुरक्षित महसूस करना चाहिए।
मोदी ने महाभारत में भगवान श्री कृष्ण के सुदर्शन चक्र का उल्लेख करते हुए कहा कि उससे प्रेरणा पाकर हमने उनकी राह को चुना है।
उन्होंने कहा कि यह मिशन रणनीतिक स्वायत्तता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
मोदी ने कहा, ‘‘यह सुरक्षा कवच लगातार विस्तार लेता जाए, देश का हर नागरिक सुरक्षित महसूस करे, और हमारी प्रौद्योगिकी किसी भी अन्य देश की तकनीक से बेहतर सिद्ध हो, इसलिए आने वाले 10 साल, 2035 तक मैं इस राष्ट्रीय सुरक्षा कवच का विस्तार करना चाहता हूं, मजबूती देना चाहता हूं, आधुनिक बनाना चाहता हूं।’’
प्रधानमंत्री ने यह घोषणा ऐसे समय में की है जब कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच भविष्य में किसी तरह के सैन्य संघर्ष की स्थिति में कथित तौर पर सीमा पर स्थित भारतीय प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने का संकेत दिया था जिनमें गुजरात में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की जामनगर रिफाइनरी शामिल है।
‘‘मिशन सुदर्शन चक्र’’ की शुरुआत की घोषणा करते हुए मोदी ने कहा कि इसका उद्देश्य दुश्मन के खतरे को बेअसर करना और भारत की आक्रामक क्षमताओं को बढ़ाना होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘अब देश सुदर्शन चक्र मिशन शुरू करेगा। यह मिशन सुदर्शन चक्र एक शक्तिशाली शस्त्र प्रणाली होगी जो दुश्मन के हमले को तो नेस्तानाबूद करेगी ही बल्कि दुश्मन पर कई गुना ज्यादा मजबूती से पलटवार करेगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम आने वाले 10 वर्षों में इसे और तीव्रता से आगे बढ़ाना चाहते हैं। सबसे पहले, ये पूरी आधुनिक व्यवस्था, इसका अनुसंधान, विकास, इसका निर्माण हमारे देश में ही होना चाहिए, ये हमारे देश के युवाओं की प्रतिभा से होना चाहिए, ये हमारे देश के लोगों द्वारा बनाया जाना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दूसरा, एक ऐसी प्रणाली होगी जो युद्ध के संदर्भ में भविष्य की संभावनाओं की गणना करेगी और ‘प्लस वन’ की रणनीति तैयार करेगी।’’
प्रधानमंत्री ने 'सुदर्शन चक्र' की ताकत पर भी बात की।
मोदी ने राष्ट्र और नागरिकों की सुरक्षा के लिए ‘‘पूरी प्रतिबद्धता’’ के साथ मिशन को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।
प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान प्रदर्शित भारतीय सेना के तकनीकी प्रभुत्व पर भी प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान ने हमारे सैन्य ठिकानों, हमारे एयरबेस, हमारे संवेदनशील स्थानों, हमारे पूजा स्थलों, हमारे नागरिकों पर मिसाइलों और ड्रोनों से अनगिनत हमले किए हैं।’’
उन्होंने कहा कि उन हमलों को भारत के बहादुर सैनिकों और उसकी तकनीक ने विफल कर दिया।
मोदी ने कहा, ‘‘आज हमने जो दक्षता हासिल की है, उसे निरंतर उन्नत करने की आवश्यकता है।’’ उन्होंने कहा कि यह मिशन रणनीतिक स्वायत्तता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, जो किसी भी खतरे का त्वरित, सटीक और शक्तिशाली जवाब सुनिश्चित करता है।
भाषा
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