मजबूत भारत अधिक स्थिर और समृद्ध विश्व के निर्माण में योगदान देगा: प्रधानमंत्री मोदी ने घाना में कहा
शफीक अविनाश
- 03 Jul 2025, 08:23 PM
- Updated: 08:23 PM
(तस्वीरों के साथ)
अक्रा, तीन जुलाई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बदलती परिस्थितियों के मद्देनजर वैश्विक शासन व्यवस्था में विश्वसनीय एवं प्रभावी सुधारों पर जोर देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि भारत जितना मजबूत होगा दुनिया को उतना ही सशक्त बनाएगा और वैश्विक स्थिरता बढ़ाने में योगदान करेगा।
घाना की संसद को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘ग्लोबल साउथ’ को आवाज दिए बिना प्रगति संभव नहीं है।
दो दिवसीय यात्रा पर यहां आए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘वैश्विक अनिश्चितता के इस दौर में भारत का लोकतंत्र आशा की किरण बना हुआ है। इसी प्रकार भारत की विकास यात्रा वैश्विक प्रगति को गति देने वाली है। विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र एक ऐसा स्तंभ है, जो जितना मजबूत होगा, दुनिया को उतना ही सशक्त बनाएगा और वैश्विक स्थिरता बढ़ाने में योगदान करेगा।’’
भारत के सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होने का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि स्थिर राजनीति और शासन की नींव पर भारत जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हम पहले से ही वैश्विक विकास में लगभग 16 प्रतिशत का योगदान दे रहे हैं। भारत में अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ‘स्टार्ट-अप इकोसिस्टम’ है। भारत एक नवाचार और प्रौद्योगिकी केंद्र है, जहां वैश्विक कंपनियां जुटना चाहती हैं।’’
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बनी विश्व शासन व्यवस्था तेजी से बदल रही है।
मोदी ने कहा, ‘‘प्रौद्योगिकी में क्रांति, ‘ग्लोबल साउथ’ का उदय और बदलती जनसांख्यिकी इसकी गति और विस्तार में योगदान दे रहे हैं।’’
मोदी ने कहा, ‘‘दुनिया जलवायु परिवर्तन, महामारी, आतंकवाद और साइबर सुरक्षा जैसे नए और जटिल संकटों का भी सामना कर रही है। पिछली सदी में बनाए गए संस्थान जवाबदेही का सामना कर रहे हैं। बदलती परिस्थितियों में वैश्विक शासन व्यवस्था में विश्वसनीय और प्रभावी सुधारों की आवश्यकता है।’’
उन्होंने कहा कि ‘ग्लोबल साउथ’ को आवाज दिए बिना प्रगति संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमें नारों से ज्यादा कुछ चाहिए। हमें कार्रवाई की जरूरत है। इसीलिए, भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान, हमने ‘एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य’ के दृष्टिकोण के साथ काम किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत अफ्रीका की विकास यात्रा में एक प्रतिबद्ध भागीदार बना हुआ है। हम अफ्रीका की विकास रूपरेखा, एजेंडा 2063 का समर्थन करते हैं, ताकि यहां के लोगों के लिए एक उज्ज्वल और टिकाऊ भविष्य सुनिश्चित किया जा सके।’’
अपने संबोधन में मोदी ने कहा, ‘‘अफ्रीका के लक्ष्य हमारी प्राथमिकताएं हैं। हमारा दृष्टिकोण समान रूप से एक साथ विकास करना है... यह स्थानीय दक्षता निर्माण और स्थानीय अवसर पैदा करने पर केंद्रित है। हमारा उद्देश्य सिर्फ निवेश करना नहीं है, बल्कि सशक्त बनाना है।’’
मोदी ने कहा कि घाना की यात्रा सौभाग्य की बात है, यह एक ऐसी भूमि है जो लोकतंत्र, गरिमा और लचीलेपन की भावना से परिपूर्ण है।
उन्होंने कहा, ‘‘जब हम घाना को देखते हैं, तो हम एक ऐसे राष्ट्र को देखते हैं जो साहस के साथ चमकता है, जो हर चुनौती का गरिमा और शालीनता से सामना करता है। लोकतांत्रिक आदर्शों और समावेशी प्रगति के प्रति आपकी प्रतिबद्धता वास्तव में घाना को पूरे अफ्रीकी महाद्वीप के लिए प्रेरणा का केंद्र बनाती है।’’
मोदी, जिन्हें देश के राष्ट्रीय सम्मान ‘द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से सम्मानित किया गया, ने कहा कि यह एक बहुत ही सुखद अनुभव था और वह इसे हमेशा संजो कर रखेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसे भारत और घाना को जोड़ने वाली स्थायी मित्रता और साझा मूल्यों को समर्पित करता हूं।’’
मोदी ने कहा, ‘‘भारत लोकतंत्र की जननी है। हमारे लिए, लोकतंत्र केवल एक प्रणाली नहीं है। यह हमारे मौलिक मूल्यों का एक हिस्सा है। हजारों साल पहले से, हमारे पास वैशाली जैसे केंद्रों के उदाहरण हैं।’’
भारत और घाना के इतिहास में औपनिवेशिक शासन के निशानों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘लेकिन हमारी आत्मा हमेशा स्वतंत्र और निडर रही है। हम अपनी समृद्ध विरासत से शक्ति और प्रेरणा प्राप्त करते हैं। हमें अपनी सामाजिक, सांस्कृतिक और भाषाई विविधता पर गर्व है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने स्वतंत्रता, एकता और गरिमा में निहित राष्ट्रों का निर्माण किया। हमारे संबंध सीमा से परे हैं। और आपकी अनुमति से, मैं कह सकता हूं कि हमारी दोस्ती आपके प्रसिद्ध ‘शुगरलोफ’ अनानास से भी अधिक मीठी है। राष्ट्रपति महामा के साथ, हमने अपने संबंधों को एक व्यापक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने का फैसला किया है।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने कोविड महामारी के दौरान घाना सहित 150 से अधिक देशों को टीके और दवाएं उपलब्ध कराईं।
मोदी ने कहा कि पिछले दशक में भारत ने बहुत बड़ा बदलाव देखा है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत के लोगों ने शांति, सुरक्षा और विकास में अपना विश्वास जताया है।’’
मोदी ने कहा, ‘‘हमें ‘फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड’ के रूप में पहचाना जाता है। भारतीय महिलाएं आज विज्ञान, अंतरिक्ष, विमानन और खेल में अग्रणी हैं। भारत ने चंद्रमा पर कदम रखा। और, आज एक भारतीय हमारे मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन को पंख दे रहा है।’’
मोदी ने कहा कि भारत के लोगों ने 2047 तक देश को एक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है।
उन्होंने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव किसी भी लोकतंत्र की आत्मा हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे निर्वाचन आयोगों को एक साथ मिलकर काम करते देखना उत्साहजनक है।’’
मोदी ने घाना की संसद में घाना-भारत संसदीय मैत्री सोसायटी के गठन का स्वागत किया।
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में घाना में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और नवाचार का केंद्र बनने की बहुत संभावना है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम एक साथ मिलकर भविष्य को आकार देंगे, जो प्रगति से भरा होगा।’’
मोदी ने कहा, ‘‘भारत और घाना एक सपना साझा करते हैं। एक ऐसा सपना जिसमें हर बच्चे को अवसर मिले। जहां हर आवाज सुनी जाए। जहां राष्ट्र अलग-अलग नहीं बल्कि एक साथ आगे बढ़ें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आइए हम न केवल आज के लिए बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी साझेदारी मजबूत करें।’’
भाषा शफीक