बारिश के बाद हुए भूस्खलनों के कारण पीओके के गिलगित-बाल्टिस्तान में हजारों लोग फंसे
राखी पवनेश
- 24 Jul 2025, 04:49 PM
- Updated: 04:49 PM
इस्लामाबाद, 24 जुलाई (भाषा) पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में बारिश के कारण हुए भूस्खलनों से सड़कें अवरुद्ध होने से विभिन्न स्थानों पर विदेशी पर्यटक समेत हजारों लोग फंसे हुए हैं। एक मीडिया में आई खबर में यह जानकारी दी गई।
‘डॉन’ समाचार पत्र की खबर के अनुसार, कई क्षेत्रों में फाइबर ऑप्टिक केबल क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं भी बाधित हो गई हैं।
क्षेत्रीय सरकार के प्रवक्ता फैजुल्लाह फराक ने बताया कि खैबर पख्तूनख्वा के कोहिस्तान जिले में रणनीतिक महत्व वाला काराकोरम राजमार्ग (केकेएच) अवरुद्ध हो गया है।
उन्होंने बताया कि राजमार्ग के दोनों ओर विदेशी पर्यटकों समेत हजारों लोग फंसे हुए हैं।
फराक ने बताया कि गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में केकेएच को यातायात के लिए खोल दिया गया है, जबकि कोहिस्तान में मरम्मत का कार्य जारी है।
बाबूसर दर्रा मार्ग भी कई स्थानों पर अवरुद्ध है। नरान घाटी में बाबूसर टॉप के आसपास 7–8 किलोमीटर के दायरे में मूसलधार बारिश के कारण अचानक बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं।
फराक ने आश्वासन दिया कि बाबूसर मार्ग पर फंसे सभी पर्यटकों को सुरक्षित निकाल लिया गया है और लापता लोगों की तलाश के लिए अभियान चलाया जा रहा है।
बुधवार को क्षेत्र में मोबाइल और इंटरनेट संचार व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई जिससे अधिकांश निवासी छह घंटे तक सेवा से वंचित रहे।
स्पेशल कम्युनिकेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) के अनुसार, बाबूसर घाटी में आई बाढ़ से मुख्य फाइबर ऑप्टिक केबल को भारी नुकसान हुआ। वैकल्पिक सैटेलाइट व्यवस्था की गई, लेकिन उपभोक्ताओं को धीमी कनेक्टिविटी मिली।
फराक ने बताया कि संचार प्रणाली को बहाल करने का कार्य शुरू कर दिया गया है।
नदी कटाव के कारण शिगर स्थित होटू सस्पेंशन पुल ढह गया जिससे के2 आधार शिविर तक जाने वाला एकमात्र रास्ता बाधित हो गया है। इससे बड़ी संख्या में विदेशी पर्वतारोही फंस गए हैं। साथ ही आठ गांवों का संपर्क भी टूट गया है।
गिलगित के अतिरिक्त उपायुक्त की देखरेख में फंसे पर्यटकों को बृहस्पतिवार को हवाई मार्ग से निकालने की उम्मीद है।
गिलगित-बाल्टिस्तान के मुख्यमंत्री हाजी गुलबार खान ने कहा कि बाबूसर में जब तक सभी फंसे लोग सुरक्षित नहीं निकाल लिए जाते, राहत अभियान जारी रहेगा।
उन्होंने दियामेर जिले के थाकी, नियत, खुंद्रा और थोर को आपदा क्षेत्र घोषित कर दिया है और बाबूसर में बाढ़ के कारण मारे गए लोगों के परिजनों को सरकारी नीति के तहत मुआवजा देने की घोषणा की है।
भाषा राखी