ममता का दावा : बंगाल के निचले इलाकों में डीवीसी द्वारा छोड़े जाने वाला पानी दो साल में 30 गुना बढ़ा
पारुल मनीषा
- 04 Aug 2025, 05:14 PM
- Updated: 05:14 PM
कोलकाता, चार अगस्त (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) पर एक बार फिर निशाना साधा। उन्होंने दावा किया कि केंद्रीय एजेंसी की ओर से उसके जलाशयों से राज्य के निचले इलाकों में छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा 2023 के मानसून सीजन की तुलना में इस साल अभूतपूर्व रूप से 30 गुना बढ़ गई है।
ममता ने डीवीसी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि इस साल केंद्रीय एजेंसी का “बाढ़ कुप्रबंधन रिकॉर्ड पिछले वर्षों के उसके निराशाजनक रिकॉर्ड को भी पार कर गया है।”
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो मानसून के दौरान जलाशयों से बड़ी मात्रा में पानी छोड़े जाने और पश्चिम बंगाल के बड़े हिस्सों में बाढ़ लाने के लिए डीवीसी की लगातार आलोचना करती आई हैं।
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में आरोप लगाया कि डीवीसी ने इस साल बंगाल को “अभूतपूर्व रूप से” हिलाकर रख दिया है।
ममता ने लिखा, “डीवीसी की ओर से छोड़े गए पानी में 2024 के मुकाबले 2025 में 11 गुना की आश्चर्यजनक वृद्धि ने हमें हिलाकर रख दिया है। यह मात्रा 2023 की तुलना में 30 गुना ज्यादा है! दक्षिण बंगाल में बाढ़ जैसी स्थिति का जोखिम और बढ़ाने की एक सुनियोजित कोशिश की जा रही है। यह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं है। यह मानव निर्मित आपदा है।”
मुख्यमंत्री ने अपने दावे के समर्थन में डीवीसी की ओर से छोड़े गए पानी के आंकड़े भी पेश किए।
उन्होंने कहा, “आंकड़े खुद बखुद सब कुछ बयां करते हैं : जून और जुलाई 2024 के दौरान डीवीसी (के जलाशयों) से पानी का प्रवाह : 4,535 लाख घन मीटर। जून और जुलाई 2025 के दौरान यह मात्रा 50,287 लाख घन मीटर रही।”
टीएमसी प्रमुख ने कहा कि इस साल मानसून के चरम पर होने के दौरान “अचानक और अभूतपूर्व रूप से बड़े पैमाने पर छोड़े गए पानी” ने “हमारे जिलों को तबाह कर दिया, अच्छी खासी फसल नष्ट कर दी, बड़ी संख्या में तटबंधों को तोड़ दिया, कई सड़कों को नुकसान पहुंचाया और हजारों लोगों को घर-बार छोड़ने के लिए मजबूर किया है।”
ममता ने दावा किया कि उन्हें इस सबके पीछे एक “गहरी साजिश” का पता चला है।
इस घटनाक्रम की तुलना “पहचान की राजनीति” के बड़े एजेंडे से करते हुए ममता ने लिखा, “केंद्रीय एजेंसी स्पष्ट रूप से अधिक से अधिक बंगाल विरोधी होती जा रही है, जो उस परिवेशी तंत्र के अनुरूप है, जिसे केंद्र सरकार आज पूरे भारत में कायम करने की कोशिश कर रही है।”
पिछले तीन हफ्ते में यह दूसरी बार है, जब ममता ने डीवीसी को आड़े हाथों लेते हुए उसे दक्षिण बंगाल के कुछ हिस्सों में बाढ़ के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
मुख्यमंत्री ने 15 जुलाई को पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति की निगरानी के लिए राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी। उन्होंने कहा था, “डीवीसी खुद को बचाने के लिए भारी मात्रा में पानी छोड़ रहा है, बिना इस बात की परवाह किए कि उसके इस कृत्य से हमारे राज्य को क्या परिणाम भुगतने होंगे। हम पिछले 14 वर्षों से इस समस्या से जूझ रहे हैं, लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला है।”
पश्चिम मेदिनीपुर, हुगली और हावड़ा सहित दक्षिण बंगाल के कई जिले पिछले दो महीने से नदियों के उफान पर होने और भारी बारिश के कारण बाढ़ की चपेट में हैं।
भाषा पारुल