उप्र : डीजीपी ने जिला पुलिस प्रमुखों से जन शिकायतों के निस्तारण का आह्वान किया
संतोष
- 08 Aug 2025, 09:07 PM
- Updated: 09:07 PM
लखनऊ, आठ अगस्त (भाषा) उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्ण ने शुक्रवार को जन शिकायत निवारण, साइबर अपराध और पुलिस प्रशिक्षण की समीक्षा की। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
डीजीपी ने यहां वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एक राज्यव्यापी समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें जन शिकायतों के निवारण, साइबर अपराध के विरुद्ध लड़ाई और पुलिस प्रशिक्षण की गुणवत्ता पर जोर दिया गया।
डीजीपी ने पुलिस बल के लिए अपनी 10 प्रमुख प्राथमिकताओं को दोहराते हुए शुरुआत की और कहा कि उनकी प्रभावी उपलब्धि तीन मुख्य स्तंभों ''प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण और विशिष्ट प्रतिभा'' पर निर्भर करती है।
उन्होंने क्रमवार प्रत्येक प्राथमिकता पर प्रगति की समीक्षा की और इस बात पर ज़ोर दिया कि एजेंडे को सटीकता और जवाबदेही के साथ आगे बढ़ाया जाना चाहिए।
राजीव कृष्ण ने जन शिकायत निवारण पर ज़ोर देते हुए कहा कि यह परिणामों पर आधारित होना चाहिए।
डीजीपी ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों और जिला पुलिस के प्रमुखों के प्रदर्शन का आकलन शिकायतों की समयबद्धता और गुणवत्ता के आधार पर किया जाएगा और उन्हें अपने थाना प्रभारियों का मूल्यांकन भी इसी आधार पर करना होगा।
उन्होंने कहा, "पुलिस थानों को ऐसा माहौल बनाना चाहिए जहां नागरिक शिकायत दर्ज कराने में सहज महसूस करें और अवांछित तत्वों को बाहर रखने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।"
उन्होंने शिकायतों के प्रभावी समाधान पर "पूरी तरह ध्यान केंद्रित" करने का आह्वान किया।
डीजीपी ने कोविड-19 महामारी के बाद से साइबर अपराधों में तेज़ी से वृद्धि का उल्लेख किया और कहा कि इससे निपटने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस की क्षमता को और बेहतर बनाया जाए।
उन्होंने निर्देश दिया कि अगले 15 दिनों के भीतर सभी थानों में साइबर प्रकोष्ठ को मजबूत किया जाए और उनमें केवल कुशल और जानकार कर्मियों की नियुक्ति की जाए।
उन्होंने थाना और जिला स्तर पर साइबर प्रकोष्ठ द्वारा राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) के उपयोग को बढ़ाने और इसके माध्यम से प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करने का भी आह्वान किया।
बयान के अनुसार, डीजीपी ने बताया कि पुलिस मुख्यालय सभी उप्र पुलिसकर्मियों को उनके कौशल, योग्यता और विशेषज्ञता के अनुसार वर्गीकृत कर रहा है और भविष्य में कार्यभार का वितरण इन क्षमताओं के आधार पर किया जाएगा।
भाषा किशोर आनन्द