मीठी नदी सफाई घोटाला: अदालत ने दो बिचौलियों को जमानत देने से किया इनकार
शोभना वैभव
- 26 May 2025, 07:56 PM
- Updated: 07:56 PM
मुंबई, 26 मई (भाषा) मुंबई की एक अदालत ने 65 करोड़ रुपये से अधिक के मीठी नदी सफाई घोटाले में कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार दो बिचौलियों को जमानत देने से इनकार कर दिया है। अदालत ने कहा कि अगर उन्हें रिहा किया गया तो उनकी ओर से ‘जांच में बाधा उत्पन्न करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता’।
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एस्प्लेनेड अदालत) ने पिछले सप्ताह आरोपी केतन कदम और जय जोशी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
सोमवार को उपलब्ध कराए गए दो अलग-अलग आदेशों में अदालत ने कहा कि इस अपराध में 65 करोड़ रुपये से अधिक की रकम शामिल है और जनता को नुकसान पहुंचाया गया।
अदालत ने कहा, ‘‘यदि आरोपियों को जमानत पर रिहा किया जाता है तो जांच में बाधा उत्पन्न होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।’’
दोनों आरोपियों ने अपनी जमानत याचिकाओं में दावा किया था कि वे निर्दोष हैं और उन्हें फंसाया गया है।
कदम ने दावा किया कि अभियोजन पक्ष का मामला दस्तावेजी साक्ष्यों पर आधारित है और इसलिए उनकी हिरासत की आवश्यकता नहीं है।
कदम ने अपनी याचिका में कहा कि उन्हें एक भी रुपया नहीं मिला है और उन्हें बलि का बकरा बनाया गया है।
जोशी की याचिका में कहा गया है कि वह किसी भी अवैध लाभ के लाभार्थी नहीं हैं, जैसा कि अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया है।
याचिका में कहा गया है कि आरोपी मुख्य रूप से एक निवेशक और वित्तपोषक है जो कई व्यापारिक उपक्रमों में शामिल है और केवल ठेकेदारों को मशीनें वितरित करता है।
अभियोजन पक्ष ने उनकी दलीलों का विरोध करते हुए कहा कि उन्होंने एक ‘‘गंभीर अपराध’’ किया है और जांच अभी लंबित है।
अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि आरोपी ने बीएमसी अधिकारियों के साथ अपने प्रभाव और अच्छे संबंधों का इस्तेमाल करके नगर निगम को नुकसान पहुंचाया और कुछ रकम हड़प ली।
अभियोजन पक्ष की दलील को स्वीकार करते हुए अदालत ने कहा कि अपराध सार्वजनिक धन से संबंधित है।
अदालत के आदेश में कहा गया है कि आरोपी के कृत्य के कारण सरकार और आम जनता को नुकसान हुआ है। अदालत ने कहा कि जांच के चरण को देखते हुए इस समय आरोपी को जमानत पर रिहा करना उचित नहीं होगा।
इस महीने की शुरुआत में पुलिस ने शहर से होकर बहने वाली मीठी नदी से गाद निकालने से संबंधित 65 करोड़ रुपये के कथित घोटाले के लिए ठेकेदारों और नगर निगम अधिकारियों सहित 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
आरोप है कि बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के अधिकारियों ने गाद निकालने के ठेके के लिए निविदा को इस प्रकार तैयार किया कि कार्य के लिए आवश्यक मशीनरी के एक विशेष आपूर्तिकर्ता को लाभ मिल सके।
भाषा शोभना