ईडी ने बिहार सरकार से 131 करोड़ रुपये के खनन घोटाले में नयी प्राथमिकी का आग्रह किया
आशीष नरेश
- 30 Jul 2025, 03:25 PM
- Updated: 03:25 PM
नयी दिल्ली/पटना, 30 जुलाई (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बिहार सरकार को पत्र लिखकर राज्य के बांका जिले में 131 करोड़ रुपये से अधिक के कथित रेत खनन घोटाले का जिक्र किया है जिसके तार कुछ नेताओं और उनके सहयोगियों से जुड़े होने की संभावना है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि ईडी का यह पत्र कुछ सप्ताह पहले भेजा गया था और यह 2023 की लोक अदालत की कार्यवाही की पृष्ठभूमि में आया है, जिसके दौरान कथित अपराध के लिए आरोपियों को आर्थिक दंड लगाकर छोड़ दिया गया था।
यह मामला बांका पुलिस द्वारा जिले में कथित अवैध रेत खनन की जांच के लिए महादेव एन्क्लेव नामक कंपनी और उसके प्रवर्तकों के खिलाफ 2017 और 2018 के बीच सात प्राथमिकी दर्ज करने से शुरू हुआ।
पुलिस ने अपनी शिकायत में खान एवं खनिज विकास एवं विनियमन अधिनियम, बिहार खनिज (रियायत, अवैध खनन रोकथाम, परिवहन एवं भंडारण) नियम और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम की धाराओं के अलावा धोखाधड़ी, जालसाजी और चोरी से संबंधित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की कई धाराएं भी लगाई थीं।
खनन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, कंपनी 2015 से 2021 के बीच 28 नदी तटों से रेत उत्खनन करने के लिए उक्त जिले में एकमात्र लाइसेंस धारक थी।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने मामले की जांच की, विभिन्न व्यक्तियों के बयान दर्ज किए और सभी सात मामलों में स्थानीय अदालत में आरोपपत्र दाखिल किए, जिसमें कंपनी और उसके निदेशक मनोज कुमार पचीसिया को आरोपी बनाया गया।
हालांकि, सूत्रों ने कहा कि अदालती कार्यवाही में देरी होने के कारण मामले को लोक अदालत में ले जाया गया और फरवरी 2023 में जुर्माना राशि वसूलने के बाद आरोपियों को छोड़ दिया गया।
कंपनी या उसके प्रवर्तकों से उनके विरुद्ध लगाए गए इन आरोपों पर टिप्पणी के लिए संपर्क नहीं हो पाया।
ईडी ने पुलिस के इन आरोपपत्रों के आधार पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया था और कुछ "साक्ष्य" एकत्र किए थे तथा पीएमएलए के तहत बांका खनन विकास अधिकारी सहित विभिन्न व्यक्तियों के बयान दर्ज किए थे।
सूत्रों ने बताया कि ईडी ने हाल में पीएमएलए की धारा 66(2) के तहत बिहार सरकार के खान एवं भूविज्ञान विभाग को पत्र लिखा है, जो उसे आपराधिक कानून के उल्लंघन के संबंध में कानून प्रवर्तन एजेंसी के साथ सूचना और साक्ष्य साझा करने की अनुमति देता है।
समझा जाता है कि एजेंसी ने पत्र में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) पटना द्वारा तैयार की गई एक भू-स्थानिक रिपोर्ट बिहार सरकार को सौंपी है, जिसमें पाया गया है कि आरोपी कंपनी द्वारा 2016 और 2021 के बीच जिले से 11.99 करोड़ घन मीटर रेत का अवैध उत्खनन किया गया था। भू-स्थानिक रिपोर्ट ईडी के अनुरोध पर तैयार की गई थी।
सूत्रों के अनुसार, ईडी ने अपने पत्र में कहा है कि खनन विभाग की दरों के अनुसार, रेत के इस कथित अवैध उत्खनन से राज्य सरकार को लगभग 131,43,20,058 रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ।
एजेंसी ने धोखाधड़ी, जालसाजी, आपराधिक षड्यंत्र से संबंधित भारतीय दंड संहिता/भारतीय न्याय संहिता और संबंधित खनन एवं पर्यावरण कानूनों की विभिन्न धाराओं के तहत राज्य पुलिस द्वारा एक नयी प्राथमिकी दर्ज करने का आग्रह किया है ताकि आरोपियों पर संबंधित आपराधिक कानूनों के तहत मुकदमा चलाया जा सके।
भाषा आशीष