भारत से आयात पर अमेरिकी शु्ल्क: स्टालिन ने विशेष वित्तीय राहत पैकेज की मांग की
योगेश पाण्डेय
- 16 Aug 2025, 03:52 PM
- Updated: 03:52 PM
चेन्नई, 16 अगस्त (भाषा) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने शनिवार को भारत से आयात पर अमेरिका द्वारा बढ़ाए गए शुल्क से उद्योग और रोजगार पर पड़ने वाले प्रभाव की आशंका पर चिंता व्यक्त की और केंद्र से विशेष वित्तीय राहत पैकेज देने की मांग की।
स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे पत्र में कहा कि पैकेज में मूलधन की अदायगी पर रोक शामिल होनी चाहिए।
अमेरिका के साथ पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौता करने के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए देश की स्थिति को पूर्ण समर्थन भी दिया।
उन्होंने कहा, ''इस संदर्भ में, मैं आपके ध्यान में तमिलनाडु के लिए काफी चिंता का विषय लाना चाहता हूं, क्योंकि राज्य को वर्तमान 25 प्रतिशत शुल्क और इसके 50 प्रतिशत तक बढ़ने की आशंका के कारण गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ रहा है।''
पिछले वित्त वर्ष में भारत के 433.6 अरब अमेरिकी डॉलर के कुल वस्तु निर्यात का 20 प्रतिशत अमेरिका को निर्यात किया गया था, जबकि तमिलनाडु के 52.1 अरब डॉलर अमेरिकी डॉलर के कुल वस्तु निर्यात का 31 प्रतिशत अमेरिका को निर्यात किया गया था।
उन्होंने कहा, ''अमेरिकी बाजार पर इस उच्च निर्भरता का स्पष्ट अर्थ है कि तमिलनाडु पर शुल्क का प्रभाव अन्य अधिकांश भारतीय राज्यों की तुलना में कहीं अधिक होगा। इसलिए इस शुल्क का तमिलनाडु के विनिर्माण क्षेत्र और रोजगार परिदृश्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।''
सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र वस्त्र, परिधान, मशीनरी, ऑटो घटक, रत्न एवं आभूषण, चमड़ा, जूते-चप्पल, समुद्री उत्पाद और रसायन हैं।
ये सभी श्रम-प्रधान क्षेत्र हैं, जिनमें निर्यात की गति धीमी होने पर बड़े पैमाने पर छंटनी हो सकती है।
उन्होंने बताया कि दक्षिणी राज्य ने 2024-25 में देश के कुल वस्त्र निर्यात का 28 प्रतिशत योगदान दिया, जो सभी राज्यों में सबसे अधिक है।
इस क्षेत्र में करीब 75 लाख लोग कार्यरत हैं और 25 प्रतिशत शुल्क तथा प्रस्तावित 50 प्रतिशत शुल्क के कारण अनुमानित 30 लाख नौकरियों पर तत्काल खतरा मंडरा रहा है।
उन्होंने कहा, ''इस संकट को कम करने के लिए उन ढांचागत समस्याओं को हल करना ज़रूरी है जिन्होंने लंबे समय से हमारी निर्यात प्रतिस्पर्धा को रोका है, और इस संबंध में प्रभावित क्षेत्रों के उद्योग संघों के साथ मेरी विस्तृत चर्चाओं के आधार पर यह स्पष्ट है कि कपड़ा क्षेत्र को दो तरह से तुरंत मदद की आवश्यकता है—मानव-निर्मित फाइबर की उत्पादन शृंखला में 'इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर' को ठीक करके पूरी शृंखला पर एक समान पांच प्रतिशत जीएसटी लगाया जाए और सभी तरह की कपास पर आयात शुल्क हटा दिया जाए।
उन्होंने कहा, ''अन्य क्षेत्रों को भी शुल्क और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के कारण ऐसी ही चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। तात्कालिक राहत देने के लिए केंद्र को सभी प्रभावित निर्यातकों के लिए विशेष ब्याज अनुदान योजना शुरू करनी चाहिए ताकि तरलता बनी रहे और लागत कम हो। साथ ही मुक्त व्यापार समझौतों और द्विपक्षीय समझौतों को तेज करना चाहिए, ताकि ऊंचे शुल्क वाले बाजार जोखिम कम हों।''
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में कहा, ''समस्या की गंभीरता को देखते हुए, हमारे निर्यातकों को समर्थन देने के वास्ते कोविड अवधि के दौरान लागू किए गए पैकेज के समान मूलधन की अदायगी पर रोक सहित एक विशेष वित्तीय राहत पैकेज आवश्यक है।''
मुख्यमंत्री ने कहा, ''तमिलनाडु का विनिर्माण क्षेत्र एक अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहा है, जिससे लाखों लोगों की आजीविका खतरे में है। इसलिए मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि संबंधित मंत्रालयों और उद्योग संगठनों से परामर्श करके इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करें।''
भाषा योगेश